संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मूल, विचार वेद संगोष्ठी का समापन


संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मूल, विचार वेद संगोष्ठी का समापन

"संकृत ज्ञान-विज्ञान का मूल कारण उसका वैदिक साहित्य हैं" यह विचार वेद संगोष्ठी के समापन अवसर पर सुखाडिया विश्वविध्यालय के कुलपति प्रो.त्रिवेदी ने व्यक्त किए। इस अवसर पर विधि, हर्षिता, भारती, कृष्णा, मोनिका ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

 

संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मूल, विचार वेद संगोष्ठी का समापन

“संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मूल कारण उसका वैदिक साहित्य हैं” यह विचार वेद संगोष्ठी के समापन अवसर पर सुखाडिया विश्वविध्यालय के कुलपति प्रो.त्रिवेदी ने व्यक्त किए। इस अवसर पर विधि, हर्षिता, भारती, कृष्णा, मोनिका ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। विशिष्ट अतिथि राजस्थान संस्कृत अकादमी जयपुर की अध्यक्ष सुषमा सिंघवी ने अकादमी द्वारा संस्कृत के प्रचार के लिए किये गए कार्य बताए। समारोह में स्वागत भाषण संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ. यदुगोपाल शर्मा ने दिया। अतिथि कैलाशचन्द्र ने संस्कृत एवं संस्कार का सम्बन्ध एवं गुरु कृपा की महत्ता बतायी। अध्यक्षीय उदबोधन राजकीय मीराकन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ.सविता जोशी ने किया एवं अंत में आभार व्यक्त करने की रस्म कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष चन्द्र कुमावत ने की। इस सत्र में डॉ.शक्ति शर्मा, डॉ. भावना आचार्य, डॉ. चंदनबाला मारू आदि ने 16 लोगों ने पत्रवाचन किया।  

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