जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनें – जिला कलक्टर


जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनें – जिला कलक्टर

उदयपुर शहर के लोगों में जल संरक्षण को लेकर पर्याप्त जागरूकता है, जो जिले के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। उक्त विचार जिला कलक्टर आशुतोष पेडणेकर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल जागरूकता पर जलस्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दिये।

 

उदयपुर शहर के लोगों में जल संरक्षण को लेकर पर्याप्त जागरूकता है, जो जिले के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। उक्त विचार जिला कलक्टर आशुतोष पेडणेकर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल जागरूकता पर जलस्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दिये।

पानी का सर्वाधिक उपयोग कृषि व उद्योगों द्वारा किया जाता है। उन्होनें कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए उपाय करने की जरूरत है। इसके लिए पूर्व में चलायी जा रही योजनाओं को ही आगे बढाये जाने के लिए सभी विभागों को उन्होने निर्देश दिये।

उन्होंने बताया कि दूरदराज के विद्यालयों में मृत प्राय: हेण्डपम्प को चिन्हित कर वर्षाजल संरक्षण उपायों द्वारा चालू करवाया जाये। उन्होनें कहा कि गावों व शहरों में जहां भी नये हेण्डपम्प्स लगाये जायेगें वहां अनावश्यक पानी के बहाव को रोकने के लिए ‘सेकिंग पिट’ अवश्य बनाया जाये इसके लिए नरेगा से बजट व्यवस्था की जायेगी।

जिला कलक्टर ने दौसा की अमृतम-जलम योजना का उदाहरण भी दिया। जिले में अवेध रूप से चल रही ड्रिलिंग द्वारा पानी के दूरूपयोग पर नकेल कसने के निर्देश भी जिला कलक्टर ने दिये।

उन्होने कहा कि प्रशासन इस प्रकार के कार्यवाही से सख्ती से निबटेगा ताकि धरती के भीतर पानी का स्तर कम नहीं हो एवं भविष्य में पानी के संकट से बचा जा सके। उन्होनें सिंचाई व पीएचईडी के अभियन्ताओं से जल संरक्षण पर व्यवहारिक सुझाव भी मांगे व उनको कार्यान्वित करने के भी निर्देश दिये।

बैठक में वर्षा जल संरक्षण में लगे गोपाल दाना, भूजल विभाग से पीसी सामर, डॉ.पीसी जैन, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग व पीएचईडी आदि विभागों से अधिकारीगण उपस्थित रहे।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags