70 वर्ष की उम्र में दी जटिल कैंसर को मात


70 वर्ष की उम्र में दी जटिल कैंसर को मात

गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ देवेन्द्र जैन ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को कैंसर से हताश होने की जरूरत नही है, यदि मरीज और उसके परिजन थोडी सी हिम्मत से काम लें, तो कैंसर जैसी जटिल बीमारी को भी मात दी

 

गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ देवेन्द्र जैन ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को कैंसर से हताश होने की जरूरत नही है, यदि मरीज और उसके परिजन थोडी सी हिम्मत से काम लें, तो कैंसर जैसी जटिल बीमारी को भी मात दी जा सकती है।

इसी तरह का एक केस गीतांजली हॉस्पिटल में आया जहां ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ सुभभ्रत दास व डॉ देवेन्द्र जैन ने कैंसर का जटिलतम ऑपरेशन सफल कर मरीज को स्वस्थ किया।

उदयपुर निवासी 70 वर्षीय तुलसीराम भंवरानी(परिवर्तित नाम) पेट दर्द, पीलिया से परेशान थे। इसके चलते उन्होंने अहमदाबाद में जाँचों के बाद एंडोस्कोपी करवाई। इस दौरान पता चला कि उनकी भोजन नली के प्रारंभिक भाग (डीओडूनम दूसरा भाग) में कैंसर की गांठ है और ऑपरेशन में भी खतरा है। इसी दौरान वे मुंबई में भी जांच करवाने गए।

आखिरकार गीतांजली हॉस्पिटल में की गई बायोप्सी, एम आर आई, सी टी स्केन के बाद पाया कि इन्हें न्यूरोएंडोक्राइन प्रकार का ट्यूमर है, जिसका साढे़ सात घंटे का व्हीपल्स ऑपरेशन कर उन्हें ठीक किया गया।

ऑपरेशन के 7 दिनों तक वे स्वस्थ थे, लेकिन इसके बाद ऑपरेशन के दौरान जो रास्ते बनाए थे, उसमें लीक (अग्नाशय में रिसाव) आ गई, इसलिए मरीज का इलाज जारी रखा और 45 दिनों तक भर्ती रखा गया। इस दौरान दो बार मरीज की तबीयत ज्यादा खराब़ हो गई थी लेकिन डॉ, मरीज और मरीज के परिवारजनों के साथ से वे इस बीमारी से भी बाहर आ गए। छुट्टी के 2 महीने बाद से तुलसीराम स्वस्थ होकर दोबारा अपनी सामान्य दिनचर्या पर लौट गए।

डॉ दास ने बताया कि यह ऑपरेशन बहुत जटिल होता है और इसके दौरान लगभग 2-5 प्रतिशत तक जान का खतरा होता है। तथा रूग्णता संख्या में लगभग 15-20 प्रतिशत का खतरा होता है।

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