लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के दो प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र पुरस्कार
भारतीय लेखा परिषद्,एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गत दिनों लखनऊ में आयोजित 37 वें अखिल भारतीय लेखांकन वार्षिक अधिवेशन एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकी सत्रों में मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के दो प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र पुरस्कार प्राप्त हुए।
भारतीय लेखा परिषद्,एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गत दिनों लखनऊ में आयोजित 37 वें अखिल भारतीय लेखांकन वार्षिक अधिवेशन एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकी सत्रों में मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के दो प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र पुरस्कार प्राप्त हुए।
भारतीय लेखा परिषद के राष्ट्रीय स्तर के महासचिव प्रो.जी. सोरल ने बताया कि प्रथम पुरस्कार लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शूरवीर सिंह भाणावत को उनके शोध पत्र ‘परिचालन नकद प्रवाह तथा कर पश्चात् लाभ के मध्य सम्बन्ध स्थापित कर सृजनात्मक लेखांकन का प्रकटीकरण’ को प्राप्त हुआ।
दूसरा पुरस्कार विभाग की ही शोध छात्रा सी.ए. श्रीमती नेहा वरियानी को उनके शोध पत्र ए क्रिटीकल एनेलिसिस ऑफ एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस इम्पेयरमेन्ट मॉडल के लिये प्राप्त हुआ।
प्रोफेसर भाणावत ने अपने शोध पत्र के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि कम्पनियों के वार्षिक प्रतिवेदन में उल्लेखित वित्तीय सूचनाओं से कैसे सृजनात्मक लेखांकन का पता लगाया जा सकता है। जब पूरा औद्योगिक जगत लेखांकन घोटालों से त्रस्त हो तब यह शोध पत्र एक मार्गनिर्देशक के रुप में काम करेगा।
इस शोधपत्र में 48 भारतीय कम्पनियों के पिछले 5 वर्षों के समंकों का विश्लेषण कर एक नई तकनीक का पता लगाया जिससे कम्पनियों में हो रहे सृजनात्मक लेखांकन का पता लगाया जा सके।
उदयपुर से इस सेमीनार में मोनिका सोनी, अजहर अहमद, प्रशांत सिंह, आरती गुप्ता, पुष्पकांत, विनीत चौहान आदि ने भाग लिया।
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