विष्णु पुराण हमे बताता है कि भगवान को बाहर नही बल्कि अपने सदय मे खोजों। नारायण ने नर की रचना की और फिर नर के ही ह्रदय मे बिराजित हुए। भगवान कण कण मे है हम जहां भावना करते है वहां भगवान है। घर मे रहते हुए माँ बाप की सेवा करना भी प्रभु प्राप्ति का और उनकी ही भक्ति का माध्यम है। माता पिता की सेवा सर्पोपरि है। यह प्रवचन श्री नारायण भक्ति पंथ के प्रवर्तक संत लोकेशानन्द महाराज ने भुवाणा स्थित आईटीपी गार्डन के नारायणपुरम मे नारायण भक्ति पंथ मेवाड द्वारा आयोजित श्री विष्णुपुराण ज्ञान कथा यज्ञ के चौथे दिन नारायण भक्तों को दिये। संतश्री ने गुप्त नवरात्रा मे नर नारी को भजन करने के लिए कहा और पांडाल मे नारायण भक्तों को आत्म शांति एवं स्वयं को प्रभु से जोडने के लिए उपासना भी करवाई।
विभिन्न प्रसंग सुन भक्त हुए भाव – विभोर
चौथे दिन की कथा मे श्री विष्णु पुराण के विभिन्न प्रसंगो का वर्णन करते हुए संत लोकेशानन्द महाराज ने गंगुपाल, अजामिल की भगवान के प्रति भक्ति,महाराष्ट्र के पण्डतपुर मे कमर पर हाथ रख एक ईंट पर खडे भगवान विष्णु की छवि, सांगरी मुनि की तपस्या, मानदाता की 50 पुत्रियों से सांगरी मुनि का विवाह और मोक्ष प्राप्ति, सगर राजा की कथा मे कपिल मुनि का अपमान, भागीरथ द्वारा माता गंगा को धरती पर लाना, भगवान शंकर द्वारा विष्णु भगवान के कच्छाव अवतार का ध्यान कर गंगा को अपनी जटाओं मे समेटना, गंगा अवतरण सहित कई प्रसंगो का खुबसूरत वर्णन किया जिसे सुनकर नारायण भक्त भाव विभोर हो उठे।
शेषशय्या नारायण की विशेष पूजा कर मनाया ब्रम्होत्सव
कथा के दौरान गुरूवार को ब्रम्होत्सव मनाया गया जिसके लिए भगवान नारायण का रंग- बिरंगे ,खुबसूरत महकते फूलों से बंगला बनाकर उन्हे बिराजित किया गया। कथा के बाद कुमावत परिवार ने संत लोकेशानन्द का अनुसरण करते हुए मंत्रोच्चार और विधि – विधान से भगवान नारायण का षोडश पूजन कर अभिषेक किया। संत श्री ने बताया कि ब्रम्होत्सव के भगवान विष्णु की शेषशय्या मूर्ति पर माता लक्ष्मी भगवान के ह्रदय पर, भगवान गणेश कानों मे शास्त्र सुनाते हुए, गरूडराज भगवान की सेवा मुद्रा मे, भगवान शंकर भक्ति भाव मे और दास भाव से हनुमान उनके पैर की तरफ खडे रहते है ।
आज मनाया जायेगा महालक्ष्मी महोत्सव
कथा के पांचवे दिन शुक्रवार को कथा प्रसंगों के साथ ही महालक्ष्मी का भव्य महोत्सव मनाया जायेगा। इस महोत्सव मे खास तौर से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की रासलीला का प्रसंग, माँ लक्ष्मी का विशेष गरबा होगा। महालक्ष्मी महोत्सव के लियें पिछले 15 दिन से विशेष गरबा रास की तैयारी कर रही महिलाएं इस महोत्सव मे पीले एवं सुनहरे रंगो के वस्त्रों को पहन कर शामिल होगी। संत लोकेशानन्द महाराज भक्तों को माँ लक्ष्मी की पूजा करने, उन्हे प्रसन्न करने सहित लक्ष्मी प्राप्ति के सूत्र भी बतायेंगे।
कथा के दौरान अतिथि के रूप मे राज्य सभा सांसद अमर सिंह सोलकी, सेवा भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ऋषि कुमार दंडवाल, मनोहर सिंह कृष्णावत, तेजहसिंह बांसी, दहरियाव सिंह चुण्डावत, लाल सिंह देवड़ा, अदि गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।