सौभाग्य मुनि का चातुर्मास सम्पन्न समारोह में भाव विभोर हुए श्रावक


सौभाग्य मुनि का चातुर्मास सम्पन्न समारोह में भाव विभोर हुए श्रावक

श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि एवं ससंघ का आज पंचायती नोहरे में श्री वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से चातुर्मास सम्पन्न समारोह आयोजित किया गया।

 

सौभाग्य मुनि का चातुर्मास सम्पन्न समारोह में भाव विभोर हुए श्रावक

श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि एवं ससंघ का आज पंचायती नोहरे में श्री वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से चातुर्मास सम्पन्न समारोह आयोजित किया गया।

चातुर्मास के दौरान बही ज्ञान की गंगा को निकट से प्राप्त कर श्रावक-श्राविकाओं का जीवन जहंा धर्म की प्रभावना से प्रकाशमान हो गया, वहीं आज सौभाग्य मुनि महाराज के चातुर्मासिक विदाई समारोह में उपस्थित सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं भाव-विभोर हो गये। इस अवसर पर जैन दिवाकर चौथमल म.सा की 136 वंी जन्म जयन्ती एवं वीर लोकाशाह की जयन्ती जप,तप,सामयिक एवं गुणानुवाद सभा के रूप में मनाई गई।

समारोह में श्री वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से श्ंाकरलाल डांगी को श्रावक रत्न सम्मान सहित संघ की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। संघ की ओर से संघ अघ्यक्ष वीरेन्द्र डांगी,महामंत्री हिम्मतसिंह बड़ाला द्वारा चातुर्मास के दौरान दिये गये अपूर्व सहयोग के लिए आभार ज्ञापित करते हुए इनके कार्यो को मुक्त कंठ से सराहा। वीरेन्द्र डांगी ने चातुर्मास के दौरान सहयोग के लिए सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए किसी भी प्रकार की रही त्रुटी के लिए श्रावकोंं सहित गुरूदेव से क्षमाचायना की।

समारोह में जैन कॉन्फे्रन्स के पूर्व राष्ट्रीय संरक्षक एंव निवर्तमान अध्यक्ष नई दिल्ली के नेमीचन्द चोपड़ा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुबंई के पारस छाजेड़, कॉन्फ्रेन्स की जीवदया कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जवेरीलाल कांकरिया, मुबंई श्रीसंघ के अध्यक्ष भैरूलाल लोढ़ा सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा को संबाकधित करते हुए सौभाग्य मुनि ने कहा कि जैन मुनियों का विहार लोकोपकार के लिए होता है। देश मेंं जहंा-जहंा भी जैन मुनि है,वहंा चातुर्मास के बाद उनकी विहारचर्या प्रारम्भ हो जाएगी। जैन मुनि केवल 4 माह एक स्थान पर निवास कर आठ मास के लिए साधु-साध्वी देश के कोने-कोने में पदविहार के लिए निकल जाते है। विहारचर्या जैन मुनियों के जीवन का प्रमुख अंग है। इसके पीछे दो स्पष्ट कारण है। एक मुनियों के संयम की श्ुाद्धि व निर्दोषता व दूसरा जन-जन का चरित्र निर्माण।

उन्होंने कहा कि जैन मुनियों की प्रेरणा से जन जीवन में सदचार व सत्य का विकास होता है। देश में जो धार्मिक व आध्यात्मिक मूल्य है,उनकी सुरक्षा करने का कार्य जैन मुनि निरन्तर करते है।

जैन दिवाकर व वीर लोकाशाह जन्म जयन्ती- पंचायती नोहरे में आज जैन दिवाकर चौथमल म.सा. की 136 वंी तथा वीर लोकाशाह की जन्म जयन्ती जनपप,तप,सामयिक एंव गुणानुवाद सभा के रूप में आयोजित की गई।

इस अवसर पर श्री वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ उदयपुर के अध्यक्ष वीरेन्द्र डंागी, महामंत्री हिम्मत बड़ाला, जैन श्राविका संघ की अध्यक्ष आशा कोठारी, कन्हैयालाल मेहता, रमेश खोखावत, अम्बालाल नवलखा, संजय भण्डारी, जिला प्रमुख मधु मेहता, महापौर रजनी डांगी सहित अनेक वक्ताओं ने दोनों संतों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैन दिवाकर चौथमल म.सा. ने हिसंक में लिप्त समाज को अहिसंक बनाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री हिम्मत बड़ााला ने किया।

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