BHEL CSR द्वारा उदयपुर में हीमोफिलिक रोगियों को निःशुल्क चिकित्सा किट वितरित
हीमोफिलिया सोसाइटी उदयपुर, राजस्थान और महारत्न भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा 'हील ए सोल 2' कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) परियोजना के अंतर्गत आज दिनांक 28 फरवरी 2017 को एक CSR कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे उदयपुर जिले के हिमोफिलिया से पीड़ित 15 बच्चो को लगभग 6.2 लाख रुपये के AHF (Anti-Hemophilic-Factors) चिकित्सा किट वितरित की गयी।
हीमोफिलिया सोसाइटी उदयपुर, राजस्थान और महारत्न भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा ‘हील ए सोल 2’ कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) परियोजना के अंतर्गत आज दिनांक 28 फरवरी 2017 को एक CSR कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे उदयपुर जिले के हिमोफिलिया से पीड़ित 15 बच्चो को लगभग 6.2 लाख रुपये के AHF (Anti-Hemophilic-Factors) चिकित्सा किट वितरित की गयी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि BHEL के एडिशनल जनरल मेनेजर (मानव संसाधन व् जल व्यापार), श्री नरेंद्र कुमार ने लाभार्थियो को किट वितरित करते हुए कंपनी के कॉपोरेट सामाजिक दायित्वों संबंधी विभिन्न गतिविविधियो पर प्रकाश डालते हुए हीमोफिलिया सोसाइटी की सराहना की और कहा की महारत्न कंपनी BHEL ने हीमोफिलिया फेडरेशन (इंडिया), के सहयोग से ‘हील ए सोल 2’ नामक पैन इंडिया कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) कार्यक्रम चलाया है। इसके अंतर्गत वर्ष 2017 तक AHF किट पुरे देश में हीमोफिलिया से ग्रसित 720 गरीबो को मुफ्त में प्रदान की जाएगी। हीमोफिलिया परिवार से 120 महिलाओ का CP & PND (carrier detection & Pre Natal Diagnosis) टेस्ट भी मुफ्त किया जायेगा। BHEL इस महान कार्य के लिए 3.2 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस के पहले भी वर्ष 2013-14 में BHEL ने हीमोफिलिया फेडरेशन को 72 लाख रुपये की मदद की थी जिससे 301 बच्चे लाभान्वित हुए।
कार्यक्रम की शुरआत में हीमोफिलिया सोसाइटी, उदयपुर चैप्टर के सेक्रेटरी बाबूलाल पुरोहित, अध्यक्ष टोनी एवं कोषाध्यक्ष ज़ुल्फ़िकार अमर ने विशिष्य अतिथि श्री नरेंद्र कुमार का फूलों का गुलदस्ता भेंट कर BHEL को उसके समर्थन के लिए औपचारिक धन्यवाद दिया।
क्या है हीमोफिलिया
हीमोफिलिया एक अनुवांशिक और जीवन भर की भयानक बीमारी है, जिसमे रक्त स्त्राव होता है और जिसके कारण प्रभावित व्यक्ति और विशेष रूप से बच्चो को यदि सही समय पर AHF चिकित्सा किट नहीं मिली तो विकलांगता और मौत तक हो सकती हैं।
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