हर विद्यालय में खुले जैव विविधता क्लब: भटनागर
मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर ने कहा है कि जैव विविधता के संरक्षण के लिए ईको क्लबों के साथ ही हर विद्यालय में जैव विविधता क्लब भी खोले जावें और विद्यार्थियों को इस अंचल की समृद्ध जैव विविधता से रुबरु करवाया जाए।
मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर ने कहा है कि जैव विविधता के संरक्षण के लिए ईको क्लबों के साथ ही हर विद्यालय में जैव विविधता क्लब भी खोले जावें और विद्यार्थियों को इस अंचल की समृद्ध जैव विविधता से रुबरु करवाया जाए।
भटनागर मंगलवार को वन विभाग एवं नेचर क्लब ऑफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में बड़ी रोड़ स्थित वन पौधशाला सभागार में पर्यावरण षिक्षा पर शिक्षकों के लिए एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि जैव विविधता को बचाने के लिए विद्यालय स्तर से ही जागरूकता पैदा की जानी चाहिए और न सिर्फ शिक्षक अपितु अभिभावकों को भी इसके प्रति सजग होकर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने नेचर क्लब द्वारा राज्य भर में जैव विविधता के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासांे की सराहना की।
समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि अपने संबोधन में पर्यावरण विषेषज्ञ एवं संस्था अध्यक्ष भारतीय वन सेवा के सेवानिवृŸा वरिष्ठ अधिकारी दीपचन्द बैरवा ने नेचर क्लब की गतिविधियों और इसके माध्यम से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
कार्यशाला में विद्यालयों में ईको क्लब एवं जैव विविधता क्लब गठन, मरूस्थलीयकरण, भूमिक्षरण तथा सूखा आदि समस्याओं के निदान तथा वन्यप्राणी संरक्षण पर विषेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई और आह्वान किया कि शिक्षक भावी पीढ़ी को इस विषय पर जाग्रत करें।
आरंभ में उप वन संरक्षक (वन्यजीव) टी. मोहनराज तथा संस्था की रीजनल कॉर्डिनेटर सीमा मल्होत्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षक और पर्यावरण प्रेमी मौजूद थे। कार्यशाला दौरान नेचर क्लब ऑफ राजस्थान के सचिव सूरज जिद्दी ने पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से राजस्थान की समृद्ध जैव विविधता वाले नेचर पार्कों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जैव विविधता प्रकृति की देन है और इसे कृत्रिम रुप से तैयार नहीं किया जा सकता। इस दौरान पर्यावरणीय विशेषज्ञ डॉण् सतीश शर्मा ने वन्यजीवों की जैव विविधता संरक्षण में भूमिका पर अपनी वार्ता प्रस्तुत की। आमुखीकरण कार्यशाला के तहत बताया गया कि सीबीएसई एवं राजस्थान बोर्ड के पर्यावरण अध्ययन विषय के पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों को बॉयोलोजिकल पार्कए जिले एवं प्रदेश के अन्य अभयारणों के भ्रमण के जरिए जैव विविधता संरक्षण, वन्यजीव प्राणी संरक्षण एवं पेड़.पौधें वनस्पतियों की उपयोगिता का प्रायोगिक ज्ञान देने के उद्देश्य से आगामी माह में संभागियों को रणथंभौर नेशनल पार्क का भ्रमण कराया जाएगा।
भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों से क्विज, भ्रमण क्षेत्र की फोटोग्राफी, चित्रकला, निबंध आदि गतिविधियों के साथ ही एक पॉवर पाइंट प्रजेन्टेशन रिपोर्ट बनवाई जाएगी। जिससे वह भ्रमण की उपयोगिता एवं विषय के सार को मूर्त रूप दे सके।
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