एक हजार आठ कलषों से पदमप्रभु भगवान का जन्माभिषेक


एक हजार आठ कलषों से पदमप्रभु भगवान का जन्माभिषेक

पायड़ा स्थित श्री पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पायड़ा (आयड़-केशवनगर) के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत गुरुवार को सांवलिया गार्डन में सुबह 6 बजे भगवान पद्मप्रभु स्वामी का जन

 

एक हजार आठ कलषों से पदमप्रभु भगवान का जन्माभिषेक

पायड़ा स्थित श्री पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पायड़ा (आयड़-केशवनगर) के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत गुरुवार को सांवलिया गार्डन में सुबह 6 बजे भगवान पद्मप्रभु स्वामी का जन्मकल्याणक हुआ।

भगवान का पृथ्वी पर कौषाम्बी नगरी में जन्म होने पर स्वर्ग के सभी देवों के भवनों में घंटे, झालर आदि स्वतः बजने लगे। सौधर्म इन्द्र का सिंहासन कम्पायमान हुआ। इस पर उन्होंने अपने अवधि ज्ञान से जानकर आसन से सात कदम चलकर नमस्कार किया। शचि इन्द्राणी द्वारा इन्द्र को भगवान बालक के सौंपने पर इन्द्र ने सहस्र नेत्र बनाकर भगवान का मुखावलोकन किया।

एक हजार आठ कलषों से पदमप्रभु भगवान का जन्माभिषेक

इस अवसर पर 12 करोड़ बाजे बजाए गए और कुबेर द्वारा रत्नों की वृष्टि की गई। पूरा पांडाल भगवान पद्मप्रभु की जय-जयकार से गूंज उठा।

वर्तमान पट्टाचार्य आचार्य अनेकांत सागर ने आषीर्वचन प्रदान कर मांगलिक दिया। बालयोगिनी आर्यिका सुभूषणमति माताजी ने कहा कि जब भगवान बालक को सौधर्म इन्द्र अपने परिकर के साथ एक लाख योजन विस्तार वाले ऐरावत हाथी पर पांडुक षिला पर भगवान का अभिषेक क्षीरसागर के जल से अभिषेक किया। तब वे अपने आपको धन्य मानकर भक्ति से ओत-प्रोत होकर नृत्य करते हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान का जन्मकल्याणक इसलिए मनाते हैं कि उनका यह अंतिम जन्म है। इसके बाद वापस जन्म-मरण का दुख नहीं है। उनके जन्म से चारों गति के जीवों को सुख मिलता है। सब जीवों का कल्याण करने वाला उनका जन्म है।

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दोपहर में सभी प्रतिमाओं पर जन्म कल्याणक के संस्कार किए गए। शाम को प्रभु को झूला झुलाने व बाल क्रीड़ा का कार्यक्रम हुआ। इससे पूर्व मंगल महाआरती हुई। 1008 दीपकों से महाआरती संजय बसंतीलाल गुडलिया ने की। शाम को इंद्र-इंद्राणियों की हाथी, घोड़े, बग्घी के लवाजमे के साथ शोभायात्रा निकाली गई।

प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी पं. धर्मचंद शास्त्री ने सम्पूर्ण क्रियाओं में सक्रिय सहयोग किया। समारोह में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के मुख्य संयोजक रमेषचंद्र चिबोडि़या, अध्यक्ष प्रकाषचंद्र अदवासिया, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दलावत, महामंत्री अनिल सकरावत, कोषाध्यक्ष, पद्मप्रभु दिगम्बर जैन समाज पायड़ा के अध्यक्ष रमेशचंद्र पद्मावत ने सहयोग दिया।

शुक्रवार को नित्याभिषेक शांति होम के बाद अन्न प्रासन्न व अमृत स्थापना होगी। तप कल्याणक के तहत आचार्य श्री के प्रवचन होंगे। फिर राजदरबार, बत्तीस मुकुटबद्ध राजाओं द्वारा भेंट दी जाएगी! पट्टाभिषेक वैराग्य व लोकांतिक देवों द्वारा समर्थन प्रवचन दीक्षा विधि होगी। शाम को 8 बजे सांवलिया गार्डन में एक्मे ग्रुप कंपनीज द्वारा प्रायोजित कवि सम्मेलन होगा जिसमें आषीष अनल लखीमपुर, नफीसा भारती ब्यावर, सुनील व्यास मुंबई, पार्थ नवीन प्रतापगढ़, कुलदीप प्रियदर्षी उदयपुर तथा बलवंत बल्लू ऋषभदेव सूत्रधार षिरकत करेंगे।

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