राजस्थान में बनेगी बीजेपी की सरकार, कांग्रेस की शर्मनाक हार…!
राजस्थान में 14वीं विधानसभा के लिए 1 दिसम्बर को हुए मतदान के बाद आज मतगणना हुई। विधानसभा के चुनावों में इस बार भारतीय जनता पार्टी को भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की है। सत्तारूढ़ कांग्रेस की राज्य में बेहद करारी हार हुई है।
राजस्थान में 14वीं विधानसभा के लिए 1 दिसम्बर को हुए मतदान के बाद आज मतगणना हुई। विधानसभा के चुनावों में इस बार भारतीय जनता पार्टी को भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की है। सत्तारूढ़ कांग्रेस की राज्य में बेहद करारी हार हुई है।
प्राप्त परिणामों के राज्य में अनुसार राज्य की 199 सीटों में 162 सीटों पर भाजपा, 21 पर कांग्रेस, राजपा, 4, बसपा 3 और 9 सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
उदयपुर शहर से बीजेपी से कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस के दिनेश श्रीमाली को 24608 वोटों से हराया है। उदयपुर ग्रामीण से बीजेपी के फूल सिंह मीणा ने काग्रेस की प्रत्याशी सज्जन कटारा को 13764 वोटों से पराजित किया है, उदयपुर जिले की 8 विधानसभाओं सीटों में से 6 सीटों पर बीजेपी ने अपना कब्ज़ा किया है, जबकि 1 सीट कांग्रेस और 1 सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है।
जिलें की सबसे हॉट वल्लभनगर से निर्दलीय प्रत्याशी रणधीर सिंह भिंडर ने कांग्रेस के गजेन्द्र सिंह शक्तावत को 13167 मतों से हरा कर विजय हासिल की है।
उदयपुर जिले की मावली सीट से बीजेपी के दलीचंद डांगी, झाडोल से हीरा लाल दरांगी, खेरवाडा से बीजेपी के नानालाल निनामा, सलुम्बर से बीजेपी के अमृत लाल मीणा, गोगुन्दा से बीजेपी के प्रताप गमेती विजयी रहे है।
वही संभाग में भी बीजेपी की स्थिति में काफी अच्छी रहीं है, राजसमन्द से किरण माहेश्वरी, नाथद्वारा से कल्याण सिंह चौहान, कुम्भलगढ़ से सुरेन्द्र सिंह, कपासन से अर्जुन लाल जीनगर, चित्तोड़गड से चन्द्रभान सिंह, निम्बाहेडा से श्रीचंद कृपलानी, बड़ीसादड़ी से गौतम लाल, प्रतापगढ़ नन्दलाल मीणा, सागवाडा से अनीता कटारा, बागीदौरा से महेंद्र जीत सिंह मालविया की जीत हुई है।
वही राज्य में इस बार कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी चुनाव में पराजित हुए है, जिनमे कोटा से शांति धारीवाल, दुरु मिया सहित कई सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ता है।
वही उदयपुर शहर विधायक और भाजपा के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस के युवा उम्मीदवार दिनेश श्रीमाली हराया। इस बात की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी।
इसलिए जीते कटारिया : माना जा रहा था कि उदयपुर शहर सीट से कटारिया के सामने कोई बड़ा विरोधी नहीं है, इसके अलावा यहाँ पर जैन मतदाता काफी ज्यादा है जिसमे से ज़्यादातर कटारिया समर्थक है, कटारिया पार्टी में भी टॉप के नेताओं में से है ।
जबकि कटारिया के मुकाबले में दिनेश श्रीमाली को पहले से ही काफी कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा था, विशेषज्ञों के अनुसार उनके हारने का कारण अनुभव की कमी, उपल्बिधयों के नाम पर कुछ नही, सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप।
प्रदेश में अब सरकार में मेवाड़ से 4-5 विधायकों को लाल बत्ती मिलने की संभावना है। इस बार कई ऐसे विधायक जो दूसरी, तीसरी और चौथी बार लगातार जीत दर्ज की है। इनमे से कुछ विधायकों के लिए यह मंत्री बनने का मौका हो सकता है।
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