अंध विद्यालय के छात्र ने लिया विज्ञान-गणित मेले में हिस्सा


अंध विद्यालय के छात्र ने लिया विज्ञान-गणित मेले में हिस्सा

दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राएं, वे भी सरकारी स्कूलों के जिनके पास शहरी स्कूलों के बच्चों के मुकाबले कम सुविधाएं हैं, लेकिन जब उनके मॉडल्स को देखा तो न सिर्फ स्कूली बच्चे बल्कि शिक्षक-शिक्षिकाएं भी हतप्रभ थे। उनके मॉडल्स को देखकर उनके इनोवेशंस एवं क्रिएटिविटी का अंदाजा लग रहा था।

 
अंध विद्यालय के छात्र ने लिया विज्ञान-गणित मेले में हिस्सा

“दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राएं, वे भी सरकारी स्कूलों के जिनके पास शहरी स्कूलों के बच्चों के मुकाबले कम सुविधाएं हैं, लेकिन जब उनके मॉडल्स को देखा तो न सिर्फ स्कूली बच्चे बल्कि शिक्षक-शिक्षिकाएं भी हतप्रभ थे। उनके मॉडल्स को देखकर उनके इनोवेशंस एवं क्रिएटिविटी का अंदाजा लग रहा था”।

गायरियावास स्थित महावीर एकेडमी सीनियर सैकण्डरी स्कूल में बुधवार से शुरू हुए जिलास्तरीय विज्ञान, गणित, जनसंख्या एवं पर्यावरण मेले में विविध प्रकार के मॉडल्स बनाकर छात्र-छात्राएं लेकर आए जिन्हें देखकर दूसरे स्कूलों के अध्यापकगण भी चकित थे।

जिलास्तरीय विज्ञान मेले में पहली बार अंध विद्यालय के एक छात्र आकाश गौड़ ने भी हिस्सा लिया है। आकाश ने बताया कि बांधों पर जब पानी गिरता है तो उससे पावर हाउस बनाने का मॉडल के जरिये प्रयास किया है।

निदेशक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि बच्चों ने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को विभिन्न मॉडल्स के जरिये दर्शाने का प्रयास किया बल्कि खेतों में उर्वरक, खाद से भी नई नई चीजें ईजाद की। ऊर्जा संरक्षण, कृषि में विज्ञान का उपयोग, रोप वे संचालन से लेकर वाटर प्रेशर से जेसीबी संचालन तक की तकनीकें मॉडल्स के माध्यम से बताई गई।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वल्लभनगर के बारहवीं के छात्र सोहन माली ने वाटर प्रेशर से जेसीबी बनाकर कार्य करने का प्रादर्श प्रस्तुत किया। सोहन ने बताया कि आज डीजल बहुत महंगा होता जा रहा है। गांव में पानी की फिर भी कमी नहीं है। पानी का दबाव बनाकर भी जेसीबी का संचालन किया जा सकता है। उसने बताया कि उसके इस मॉडल पर मात्र 60 रुपए खर्च आया है।

अंध विद्यालय के छात्र ने लिया विज्ञान-गणित मेले में हिस्सा

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साकरोदा के हरीश आचार्य ने बताया कि नमक व गोबर के मिश्रण में टॉच के खराब हुई बैटरी के पॉजीटिव व नेगेटिव से जोडक़र बल्ब, पंखा एवं मोबाइल चार्जर बना लिया। इसी प्रकार जगदीश चौक स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की 11 वीं की छात्रा कामिनी पालीवाल ने सेंसर का उपयोग करते हुए हाइवे पर लाइट्स का अद्भुत प्रादर्श बनाया। उसका कहना था कि अंधेरा होते ही ये लाइट्स स्वत: चालू हो जाएंगी और प्रकाश आते ही वापस बंद हो जाएंगी।

इससे मानव श्रम की भी बचत हो सकेगी। इसी प्रकार जगदीश चौक विद्यालय की ही 11 वीं की छात्रा निशा गौड़ ने कृत्रिम वर्षा कराने का मॉडल प्रस्तुत किया। उसका मानना था कि कृत्रिम वर्षा कराने का प्राकृतिक वर्षा पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता।

मेला संयोजक राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल, नाहरमगरा के प्राचार्य निर्मल कुमार जारोली ने बताया कि मॉडल्स की प्रदर्शनी लगाई गई है जिसका अवलोकन शहर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं व शिक्षक कर रहे हैं। गुरुवार सुबह गणित में रुचि जागृत करने को शिक्षकों के लिए पृथ्वी ग्रह का गणित विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षकों ने अपने अपने पत्र प्रस्तुत किए। फिर दो समूहों में क्विज का आयोजन भी किया गया।

इसमें 106 बच्चों ने भाग लिया। लिखित परीक्षा में 12 छात्रों का चयन किया गया। इनको 4-4 के ग्रुप में बांटा गया। इनमें से जो एक एक प्रतियोगी विजयी होंगे। वे फाइनल में जाएंगे। यह स्पर्धा विशिष्ट चक्र, दीर्घ चक्र एवं ऑडियो विज्युअल राउंड में हुई।

मेला प्रभारी प्रकाश जोशी ने बताया कि छात्रों के लिए आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में 95 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसका विषय जनसंख्या वृद्धि : प्राकृतिक असंतुलन था। इसके बाद शिक्षकों के लिए आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में 17 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। इसका विषय सशक्त नारी : सशक्त देश था।

दोपहर बाद रोल प्ले और लोक नृत्य स्पर्धा हुई। रोल प्ले में जनसंख्या : विकास शिक्षा तथा एचआईवी एड्स : कलंक व किशोरों के लिए खतरा एवं नशीले पदार्थों के कारण व प्रभाव पर कार्यक्रम हुआ। लोक नृत्य स्पर्धा की थीम लडक़ा/लडक़ी : समान अधिकार, पर्यावरण सुरक्षा एवं किशोरावस्था में आकर्षण एक चुनौती रही।

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