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राजस्थान में भवन निर्माण पर 1% उपकर अनिवार्य

उपकर जमा नही कराने पर हो सकती है कुर्की, लग सकती है 100% पेनल्टी व 24% ब्याज 
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उदयपुर 19 दिसंबर 2025। राज्य में सभी ज़िलों में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (श्रमिक) कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 (Building and Other Construction Workers’ Welfare Cess Act, 1996) लागू है। जिसके तहत प्रदेश में 27 जुलाई 2009 के पश्चात निर्मित सरकारी/वाणिज्यिक/निजी (आवासीय) भवनों व निर्माण कार्यो की लागत पर 1 प्रतिशत उपकर (सेस) देय है। 

राजस्थान में अभी तक किसी भी वर्ग या निर्माण कार्य पर उपकर राशि की छूट नही है। भवन निर्माण करने वाले मालिकों/नियोजक को निर्माण कार्य के प्रारम्भ करने की सूचना 30 दिवस की अवधि में निर्धारित प्रपत्र में श्रम विभाग को दिया जाना आवश्यक है तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने या उपकर राशि निर्धारण होने की 30 दिवस की अवधि में, जो भी पहले हो, उपकर संग्रहक को जमा कराया जाना आवश्यक है। 

यदि किसी प्रोजेक्ट या निर्माण कार्य की अवधि 1 वर्ष से अधिक हो तो 1 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के 30 दिवस में देय उपकर राशि जमा करायी जाना आवश्यक है। नियोजक द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य की अनुमानित लागत पर देय उपकर अग्रिम भी जमा कराया जा सकता है। उपकर (सेस) के तहत वसूली जाने वाली राशि निर्माण श्रमिको के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं में व्यय की जाती है। 

संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त संकेत मोदी द्वारा बताया गया है कि 27 जुलाई 2009 के बाद निर्मित सरकारी/वाणिज्यिक/निजी आवासीय भवनों व निर्माण कार्यो को उपकर (सेस) के दायरे में रखा गया है। जिनमें से 10 लाख रूपये से कम लागत के बनाए गए केवल आवासीय भवनां को उपकर सेस के दायरे से बाहर रखा गया है। अगर 10 लाख रूपये की लागत से ज्यादा की लागत से अगर कोई आवासीय भवन बनता है तो उससे भी एक प्रतिशत (सेस) वसूला जाएगा। व्यवसायिक भवन निर्माण करवाने पर कोई छूट नही है।

इस अधिनियम के तहत संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 मे आज दिनांक तक 678 मालिकों/नियोजकों को नोटिस जारी किये गये है तथा वसूली कार्यवाही हेतु 22 प्रकरण विचाराधीन है। वित्त वर्ष 2025-26 में 10 नियोजको के विरूद्व एक तरफा कार्यवाही कर उपकर निर्धारण आदेश जारी किये गये है। 

उक्त प्रकरणो में नियत समय में राशि जमा नही करवाये जाने की स्थिति में वसूली हेतु ज़िला कलक्टर को प्रेषित किये जायेगें। प्रारम्भ में भवन मालिक/नियोजक को निर्माण से संबंधित दस्तावेज अथवा स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का अवसर दिया जा रहा है। नोटिस के बाद उपकर (सेस) जमा नही कराने पर श्रम विभाग स्वयं निर्माण की लागत निकालकर भवन मालिक के विरूद्ध एक पक्षीय उपकर सेस निर्धारण आदेश जारी करेगा। उपकर राशि देय होने की अवधि में जमा नही कराए जाने की स्थिति मे 24 प्रतिशत वार्षिक की दर से नियोजक पर ब्याज आरोपित किए जाने का प्रावधान है। 

श्रम आयुक्त द्वारा निर्देश प्रदान किए गए कि अधिक से अधिक भवन नियोजको को नोटिस जारी कर उपकर सैस जमा करवाया जाए। अन्यथा एक पक्षीय कार्यवाही की जावे।

उक्त के अतिरिक्त उपकर निर्धारण की आदेश की दिनांक से निर्धारित अवधि में भुगतान/जमा नही कराने पर 100 प्रतिशत पेनल्टी का प्रावधान है। उपकर राशि जमा नही कराने पर मय ब्याज और पेनल्टी के साथ वसूली की कार्यवाही की जाएगी।

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