दाउदी बोहरा समुदाय ने कल अपने इमाम, इस्लाम के पैगम्बर मुहम्मद साहब (स.अ.व.) के नवासे, हज़रत अली (अ.स.) और सैय्यदा फातिमा (अ.स.) के बेटे इमाम हुसैन और उनके 74 साथियो की शहादत की याद में यौम ए आशूरा मनाया। 10 मुहर्रम (27 जुलाई) को इमाम हुसैन की शहादत की याद में हर वर्ष निकलने वाला अज़ादारी जुलुस नमाज़ इ ज़ोहर के बाद अंजुमन ए फ़िदायाने हुसैनी द्वारा बोहरवाड़ी स्थित मोहियतपुरा मस्जिद से और वजीहपुरा मस्जिद तक निकला गया ।
दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता मंसूर अली ओड़ावाला ने बताया की जुलुस में इमाम हुसैन के भाई मौला अब्बास के अलम निकाले गए। जुलुस में मार्ग के दोनों ओर समज की महिलाये आँखों में अपने इमाम का ग़म लिए हुए खड़ी हुई थी। वहीँ छोटे छोटे मासूम बच्चे भी या हुसैन या अली पुकार के मातम कर रह रहे थे।
जुलुस में असरार जावरिया वाला, मुजम्मिल, सरफ़राज़ मुहिब, मोइज़ अली एन्ड पार्टी मातमी नौहा पढ़ते हुए चल रहे थे। जुलुस के संचालन को अंजुमन ए फिदायाने हुसैनी के कार्यकर्ताओ ने अंजाम दिया।
दाउदी बोहरा जमात के सचिव ज़ाकिर हुसैन पंसारी ने बताया की जुलुस के फ़ौरन बाद वजीहपुरा मस्जिद में इमाम हुसैन और उनके 74 साथियो की शहादत मुल्ला मेहदी हसन साहब द्वारा वजीहपुरा मस्जिद में पढ़ी गई। आशूरा के दिन सामूहिक इफ्तारी का आयोजन भी किया गया। मग़रिब ईशा की नमाज़ सामूहिक नियाज़ का आयोजन बोहरवाड़ी स्थित जमाअतखाना में रखा गया।
आज रात को शाम ए गरीबां की मजलिस का आयोजन वजीहपुरा मस्जिद में किया गया, जिनमे जनाब अली असगर मस्जिद में बत्ती गुल कर अँधेरे में शाम ए गरीबां का मंज़र पेश किया । जबकि असरार अहमद जावरिया वाला सलाम ए आखिर पेश किया।
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