बोहरा सुधारवादी आंदोलन का स्वर्ण जयन्ती समारोह का आगाज 29 से
बोहरा सुधारवादी आंदोलन को शुुरू हुए पचास वर्ष पूर्ण होने जा रहे है। इस स्वर्ण जयन्ती समारोह की शुरूआत रविवार 29 अप्रेल से होगी। जिसकी प्रथम कड़ी के रूप में आरएनटी मेडिकल काॅलेज के एनएलटी सभागार में एक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। जिसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर, श्रीमती सुभाषिनी अली, विभूति नारायण राय और हसन कमाल जैसे ख्यातनाम विचारक भाग लेंगे।
रविवार को होगी संगोष्ठी, मणिशंकर अय्यर सहित ख्यातनाम विचारक लेंगे भाग बोहरा सुधारवादी आंदोलन को शुुरू हुए पचास वर्ष पूर्ण होने जा रहे है। इस स्वर्ण जयन्ती समारोह की शुरूआत रविवार 29 अप्रेल से होगी। जिसकी प्रथम कड़ी के रूप में आरएनटी मेडिकल काॅलेज के एनएलटी सभागार में एक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। जिसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर, श्रीमती सुभाषिनी अली, विभूति नारायण राय और हसन कमाल जैसे ख्यातनाम विचारक भाग लेंगे।
सेन्टल बोर्ड आॅफ दाउदी बोहरा कम्यूनिटी के कमाण्डर मंसूर अली बोहरा ने आज यहाँ आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि समाज के 1970 में समाज के कुछ प्रबुद्धजनों द्वारा समाज में धर्म के नाम पर किए जा रहे सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक शोषण के खिलाफ एक मुहिम से प्रारंभ हुआ और अपार जन समर्थन प्राप्त कर एक आंदोलन में परिवर्तित हो गया. इस आंदोलन का उद्देश्य मूलभूत धार्मिक उसूलों को परिवर्तित करने का कतई नहीं था जैसा कि सैयदना साहब के कार्यालय जिसे “कोठार’’ के नाम से जाना जाता है। कोठार सैयदना साहब एवं अनुयायियों के बीच एक दीवार है। जिसे स्वयं सैयदना साहब एवं समाज जनों और अन्य कट्टरपंथियों को भ्रमित करने के लिए प्रचारित और प्रसारित किया था, बल्कि इस आंदोलन का मूल उद्देश्य धर्म के नाम पर हो रहे सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक अत्याचार व शोषण से स्वतंत्रता थी।
उन्होंने बताया कि किसी भी कार्य के लिए जो धर्म के अतिरेक हो, पर रजा की पाबंदी से छुटकारा हासिल करना था। हमारी यह मांग भी थी कि धर्म के नाम पर जो कर जकात, सिला फितरा, सबील इत्यादि के नाम पर जमा की जा रही है, इस अकूत धन का हिसाब भी दिया जाए अर्थात इसमें पारदर्शिता लाई जाए। यह धन पवित्र कुरान के हुक्म के हिसाब से जरूरत मंद लोगों पर खर्च किया जाए। ऐसी पारदर्शिता केवल स्थानीय समुदाय द्वारा चुनी हुई कमेटी जिसे ’जमात’ कहा जाता हैे। हमारी यह न्यायोचित मॉंग स्थानीय निहित स्वार्थ वाले वर्ग एवं कोठार के स्वार्थ पूर्ति में बाधक थी। अतः सुधारवादियों को धर्म विरोधी घोषित कर उन पर सैयदना साहब से सामाजिक बहिष्कार की घोषणा करा दी। किंतु सैयदना साहब से मिलने एवं हमारी बात कहने की तमाम कोशिशें कोठार ने असफल कर दी।
मुबंई से आये इरफान इंजीनियर ने बताया कि सामाजिक बहिष्कार एक बोहरा सदस्य के लिये क्रूर हथियार है, जिसके फलस्वरुप उस व्यक्ति को समाज के किसी प्रोग्राम में आमंत्रित नहीं किया जाता. उनसे रोटी- बेटी का रिश्ता भी नहीं रखा जाता. यहॉ तक कि उससे कोई वार्तालाप भी नहीं कर सकता. सामाजिक तौर पर बहिष्कृत व्यक्ति किसी मस्जिद, दरगाह अथवा किसी धार्मिक स्थल पर अपनी आस्था की तृप्ति के लिए भी नहीं जा सकता. यहॉ तक कि इस क्रूरता के चलते सैकड़ों तलाके हुई, पिता-पुत्र, मॉ- बैटी, भाई- भाई मे अलगाव पैदा हो गया। यह सब अमानवीय और अलोकतांत्रिक त्रासदी हमने भोगी है और ये अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग डरे हुए हैं, आजादी के 70 साल के बाद आज भी इस तकनिकी और वैज्ञानिक युग में इस मध्ययुगीन अत्याचारों को भोगने को अभिशप्त है।
दाउदी बोहरा जमात के अध्यक्ष अब्बास अली नाथ ने बताया कि बोहरा सुधारवादी आंदोलन को इन विगत 50 सालों में तोड़ने और कुचलने की कट्टरपंथियों ने भरसक प्रयास किये लेकिन लोकतांत्रिक और मानवीय अधिकार प्राप्त करने के लिये वे अडिग ही रहे, यद्यपि ऐसे सुधारवादी आन्दोलन 19 वीं शताब्दी के अंत से 1970 तक अनेकों बार हुए है, परंतु यह संभ्रांतवादी होने के कारण थोड़े समय में विफल हो गये। सन 1970 से चला यूथ मूवमेंट एक व्यापक आंदोलन हो गया और आज से इसकी स्वर्ण जयंती का प्रारंभ होने जा रही है। इस आंदोलन के बाद अनेक स्थानों से सुधारवादी आन्दोलन चलना शुरु हुआ और विदेशों में स्थापित अनेक सुधारवादी बोहरा जमातों का इसे समर्थन हासिल है।
बोहरा यूथ संस्थान की रेहाना जर्मनवाला ने बताया कि आज इस आंदोलन के पचास वर्षीय कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए हम हर्ष व प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। इस अवसर पर हम अपने उन सभी साथियों को नमन करते हैं जिन्होंने सभी तरह के अमानवीय व असहनीय कष्ट उठाते हुए भी सच्चाई के साथ अडिग खड़े रहे।
बोहरा यूथ के सचिव गजनफर ओकासा ने बताया कि स्वर्ण जयंती के कार्यक्रम रविवार 29 अप्रेल से शुरु होकर 1970 के आंदोलन की स्वर्ण जयंती मार्च 2020 में विश्व सम्मेलन तक चलेंगे। इसके अंतर्गत उदयपुर और दूसरे शहरों में गोष्टियां होगी, जलसे एवं जुलुस निकाले जाएंगे और समाज के युवाओं के केम्प होंगे जिसमें इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि और उद्देश्यों से अगली पीढी को आन्दोलन जारी रखने की प्रेरणा दी जाएगी।
प्रवक्ता अख्तर हुसैन बोहरा ने बताया कि रविवार प्रातः साढे़ सात बजे बोहरवाड़ी स्थित जमात कार्यालय से पुरूष-महिलाओं एवं बच्चों की एक वाहन रैली निकलेगी जो विभिन्न मार्गो से होती हुई 9 बजे आरएनटी मेडिकल काॅलेज पंहुचेगी। प्रेस वर्ता के दौरान दाउदी बोहरा जमात के सचिव हिबतुल्लाह अत्तारी, नासिर जावेद, आशिक़ मगर, अनीस मियाजी, तौसीफ मंडी वाला सहित एवं बोहरा यूथ गर्ल्स विंग की सदस्याए भी मौजूद थी।
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