बोहरा समाज ने हर्षो उल्लास से मनाई ईद मिलाद उन नबी

बोहरा समाज ने हर्षो उल्लास से मनाई ईद मिलाद उन नबी

पैगम्बर हज़रत मोहम्मद की शिक्षा एवं सन्देश आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो गये हैं। अरब देशो में लोग जब कबीलों में रहा करते थे, कबिलाई सरदारों की आपसी रंजिश अपने शिखर पर थी, अरब देशो में असहिष्णुता का माहौल अपने चरम को छू रहा था, अमीर और गरीब के बीच की खाई काफी गहरी थी, बेटी पैदा होते ही मारने का दस्तूर था और अत्याचारियों द्वारा त्राहि-त्राहि मचाई हुई थी, उस समय हजरत मोहम्मद का जन्म लेना एक वरदान स्वरुप ही था।

 

बोहरा समाज ने हर्षो उल्लास से मनाई ईद मिलाद उन नबी

पैगम्बर हज़रत मोहम्मद की शिक्षा एवं सन्देश आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो गये हैं। अरब देशो में लोग जब कबीलों में रहा करते थे, कबिलाई सरदारों की आपसी रंजिश अपने शिखर पर थी, अरब देशो में असहिष्णुता का माहौल अपने चरम को छू रहा था, अमीर और गरीब के बीच की खाई काफी गहरी थी, बेटी पैदा होते ही मारने का दस्तूर था और अत्याचारियों द्वारा त्राहि-त्राहि मचाई हुई थी, उस समय हजरत मोहम्मद का जन्म लेना एक वरदान स्वरुप ही था।

उपरोक्त विचार बोहरा यूथ समाज की ओर से छोटी बोहरवाडी स्थित खानपुरा मस्जिद में आज आयोजित महफिले-ईद-मीलादुन्नबी के अवसर पर इरफ़ान अल्वी और मुल्ला पीर अली ने व्यक्त की। मुल्ला पीर अली ने मजलिस की सदारत करते हुए पैगम्बर साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज ज़रूरत मोहम्मद साहब द्वारा दी गई शिक्षाओं और संदेशो को प्रत्येक मानव और प्रत्येक समाज में फैलाया जाना ज़रूरी हो गया है। ताकि मानव मात्र का कल्याण हो एवं अंधविश्वास रहित एक प्रगतिशील समाज का निर्माण हो सके। आज से 1400 वर्ष पूर्व समाज में सामाजिक, आर्थिक, लैंगिक, रंग, नस्ल और वर्ण में समानता और समरसता की बात करना बहुत बड़ी चुनौती था। जिसे हज़रत मोहम्मद जैसे पैगम्बर ने कर दिखाया।

बोहरा समाज ने हर्षो उल्लास से मनाई ईद मिलाद उन नबी

मजलिस में असरार अहमद अली जावरियावाला, हातिम अली, हाजी सैफुद्दीन, हाजी मुश्ताक़ हुसैन ज़रीवाला, आमिर जावरिया वाला, शब्बीर हुसैन, सरफ़राज़ मुहिब और मुजम्मिल-मुज़ाहिर एन्ड पार्टी आदि ने पैगम्बर मोहम्मद साहब की शान में कसीदे और नात शरीफ पेश की। बाद में मजलिस में उपस्थित श्रद्धालुओं को तबर्रूक भी वितरित किया गया।

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दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता मंसूर ओड़ावाला ने बताया की ईद – मिलादुन्नबी के मौके पर उक्त मजलिस का आयोजन छोटी बोहरवाडी स्थित खानपुरा मस्जिद कमिटी द्वारा किया गया। इस अवसर खानपुरा समेत बोहरा युथ की सभी मस्जिदों और जमातखाने में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। श्रद्धालुओं ने नये कपड़े परिधान पहन कर गले मिलकर एक दूसरे को बधाईयां एवं शुभकामनायें दी। इस अवसर पर बोहरवाड़ी स्थित जमाअत खाने में सामूहिक भोज और नियाज़ का भी आयोजन किया गया।

शिया दाउदी बोहरा समाज ने जुलुस निकाला

डा. मूमिन ने बताया कि सभी सेक्टरों में जुलूस निकाले गये। जुलूस में सबसे आगे बुरहानी बैण्ड मधुर धुने बजा रहा था सबसे आगे आमिल साहब व मसाइख किराम पगडी पहने चल रहे थे उसके पीछे समाज के गणमान्य लोग एवं अन्जुमन-ए-बुरहानी के सदस्य सोने की पगडी पहने चल रहे थे। छोटे छोटे स्कूली बच्चे पैगम्बर साहब की शान मे मदहे व कसीदे पढते हुए चल रहे थे। इस अवसर पर सामूहिक नियाज के आयेजन भी हुए

शिया दाउदीें बोहरा समाज के अकीदतमन्द पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब (स.अ.व.) का जन्मदिन ईद-ए-मीलादुन्नबी कल मंगलवार को अत्यन्त हर्षो उल्लास के साथ मनाई।

शिया दाउदी बोहरा समाज के प्रवक्ता डा. बी. मूमिन ने बताया कि कल मंगलवार को ईद-ए-मीलादुन्नबी के मुबारक मौके पर अकीदतमन्दों ने परस्पर एक दूसरे के घर जाकर मीलाद की मुबारकबाद दी। इससे पूर्व मीलाद की पूर्व संध्या पर मुकद्दस सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की वायज मुबारक का वीडियों प्रसारण हुआ जिसमें आपने पेगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब (स.अ.व.) की विलादत की तारीखी अहमियत, आपकी शानात एवं फजीलतों का जिक्र किया।

बोहरा समाज ने हर्षो उल्लास से मनाई ईद मिलाद उन नबी

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