बोस्टन केराटोप्रोस्थेसिस प्लास्टिक कार्निया से मिली रोशनी
राजसमन्द निवासी 40 वर्षीय भीमराज की संक्रमण हो जाने से उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी। तब ऐसे में लायन्स क्लब उदयपुर द्वारा आलोक नेत्र चिकित्सालय में संचालित लायन्स आई बैंक के सहयोग से आलोक नेत्र चिकित्सालय में बोस्टन केराटोप्रोस्थेसिस या प्लास्टिक कार्निया के तहत नेत्र प्रत्योरापण कर उसके जीवन में रोशनी ला दी।
राजसमन्द निवासी 40 वर्षीय भीमराज की संक्रमण हो जाने से उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी। तब ऐसे में लायन्स क्लब उदयपुर द्वारा आलोक नेत्र चिकित्सालय में संचालित लायन्स आई बैंक के सहयोग से आलोक नेत्र चिकित्सालय में बोस्टन केराटोप्रोस्थेसिस या प्लास्टिक कार्निया के तहत नेत्र प्रत्योरापण कर उसके जीवन में रोशनी ला दी।
आलोक नेत्र चिकित्सालय के डॉ. आलोक व्यास ने बताया कि बोस्टन केराटोप्रोस्थेसिस या प्लास्टिक कार्निया ऐसे मरीज को प्रत्यारोपित किया जाता है जिसके दो या तीन बार यदि कार्निया प्रत्यारोपण किये जाने के बावजूद वह असफल हो गया हो, तो ऐसे मरीजों में वरदान स्वरूप उपरोक्त बोस्टन केराटोप्रोस्थेसिस या प्लास्टिक कार्निया प्रत्यारोपण काफी कारगर सिद्ध होता है।
उन्होंने बताया कि भीमराज नामक उक्त की आंखों में संक्रमण की वजह से कार्निया में फूला हो गया था और नेत्र में प्रत्यारापण कराये जाने के बावजूद वह असफल हो गया था तब उक्त मरीज को बोस्टन केराटोप्रोस्थेसिस या प्लास्टिक कार्निया लगाकर उसे जीवन में पुन: नई रोशनी दी गई। उन्होंने बताया कि प्राप्त नेत्र दान में से एक कार्निया भीमराज को प्रत्यारोपित किया गया। यह एक लेन्स जैसा प्लास्टिक से बना कार्निया है जिसे ऐसे पीडि़त मरीजों के लगाकर रोशनी दी जाती है। अब विश्व में इस प्रकार के ऑपरेशन सर्वाधिक होने लगे है। उन्होंने बताया कि अत्यन्त जटिल इस आपरेशन को शहर में ही नहीं वरन् संभवतया राजस्थान में भी पहली बार किया गया है।
इससे पूर्व मरीज को जहां कुछ भी नहीं दिखता था अब उसे हाथ हिलता हुआ दिखाई देने लगा है। समय बीतने के साथ रोशनी में और वृद्धि होगी व मरीज काफी देख सकेगा। इस अवसर पर लायन्स क्लब अध्यक्ष राजेश खमेसरा, किशन मेहता सहित अनेक सदस्य मौजूद थे।
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