महिला सशक्तिकरण पर हुआ मंथन


महिला सशक्तिकरण पर हुआ मंथन

जनार्दनराय नागर राजस्थान विधापीठ (मान्य) विश्वविधालय सिथत महिला अध्ययन विभाग एवं उदयपुर स्कूल आफ सोशल वर्क वे संयुक्त तत्वाधान में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 15-16 मार्च 2013 को किया गया।

 

महिला सशक्तिकरण पर हुआ मंथन

जनार्दनराय नागर राजस्थान विधापीठ (मान्य) विश्वविधालय सिथत महिला अध्ययन विभाग एवं उदयपुर स्कूल आफ सोशल वर्क वे संयुक्त तत्वाधान में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 15-16 मार्च 2013 को किया गया।

इस संगोष्ठी के आयोजक डा. आर.बी.एस. वर्मा तथा मन्जु माण्डोत थें। संगोष्ठी उदघाटन सत्र की अध्यक्षता विधापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने की। इसमें उदघाटन कर्ता के रूप में मधु मेहता, मुख्य अतिथि महेन्द्र सिंह आगरिया तथा विशिष्ट अतिथि कालू राम रावत जी थे।

संगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत डा. मन्जु माण्डोत ने किया तथा संगोष्ठी के विषय में प्रो. आर.बी.एस. वर्मा ने बताया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने संगोष्ठी से संबंधित विषयों पर तथा महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्य अतिथि तथा विषिष्ट अतिथि ने भी महिला हिंसा तथा महिला संबंधी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।

महिला सशक्तिकरण पर हुआ मंथन

इस संगोष्ठी में 6 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें 50 प्रपत्रों को पढ़ा गया। संगोष्ठी में विभिन्नविधालयों एवं महाविधालयों के 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया जो लगभग 40 संस्थाओं से थें। इस संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों पर विचार प्रस्तुत किए गए।

महिला सशक्तिकरण पर आयोजित इस संगोष्ठी का समापन शाम 04.00 बजे हुआ। जिसमें लक्ष्मीनारायण नंदवाना मुख्य अतिथि थें। इस समारोह की अध्यक्षता प्रो. आर.बी.एस. वर्मा ने की। इसमें डा. मंन्जू माण्डोत ने अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर संगोष्ठी मे भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में हुर्इ चर्चा एवं विषयों की समीक्षा प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया ने की तथा इस संबंध में उन्होनें अनेक सुझाव प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि ने संगोष्ठी में चर्चा हेतु प्रस्तुत प्रपत्रों एवं विचारों की सरहाना की तथा इस संबंध में आषा व्यक्त की कि इसके परिणाम सकारात्मक एवं फलदायी होंगें। अध्यक्षीय उदबोधन में प्रो. आर.बी.एस. वर्मा ने संगोष्ठी में पढ़े गए पत्रों के विषय में बताया की ये प्रपत्र बहुआयामी है तथा इनके निष्कर्ष नीति निर्माण में सहायक होगें।

अन्त में डा. मन्जू माण्डोत ने सभी को धन्यवाद दिया।

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