परम् वैष्णव, ज्योतिष,कर्मकांड ज्ञाता व नाथद्वारा के मुखिया बृज गोविंद जी भट्ट नहीं रहे
परम वैष्णव,जाने माने ज्योतिष कर्मकांड ज्ञाता व नाथद्वारा में अन्नकूट सेवा के मुखिया पंडित बृज गोविन्द भट्ट ने बुधवार को उदयपुर मे
परम वैष्णव,जाने माने ज्योतिष कर्मकांड ज्ञाता व नाथद्वारा में अन्नकूट सेवा के मुखिया पंडित बृज गोविन्द भट्ट ने बुधवार को उदयपुर में देह त्याग दी। उनके देहांत की खबर मिलते ही हज़ारो वैष्णव शोक में डूब गए। स्वर्गीय भट्ट पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
पंडित बृज गोविन्द भट्ट दीपावली पर नाथद्वारा में प्रतिवर्ष होने वाली श्रीनाथजी की अन्नकूट सेवा के मुखिया थे। इस सेवा में भट्ट मेवाड़ा ,ओदिच्य और अन्य ब्राह्मण समाज के सेवक बड़ी संख्या में भात व अन्य सकरी सेवा में शरीक होते थे। करीब दो पखवाड़े की यह सेवा अन्नकूट दर्शन के बाद तक चलती है। चालो रे भई सेवा में…….. .भट्ट मुखियाजी का यह चिर-परिचित उद्घोष अन्नकूट सेवामें भाग लेने वाले वैष्णवो के कानों में हमेशा गूंजता रहेगा। वे “श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव ।” मंत्र के पक्के साधक थे और नित ठाकुरजी को भोग धराये प्रसाद ग्रहण नहीं करते थे। उनके बड़े जिजाजी दिवंगत धरणीधर शास्त्री श्रीमद भागवत के प्रखांड विद्वान व अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय सम्प्रदाय के पूर्व प्रदेश आध्यक्ष थे।
पंडित बृज गोविन्द भट्ट अपने पीछे पुत्र आर्युवेद डॉक्टर राजीव भट्ट,पुत्रिया और भरापूरा परिवार छोड़ गए है।
अन्तिम संस्कार पंडित बृज गोविन्द भट्ट का अंतिम संस्कार बुधवार को उदयपुर के अशोक नगर शमशान गृह में हुआ। पुत्र डॉ राजीव भट्ट ने मुखाग्नि दी। शव यात्रा में सेकड़ो की संख्या में लोगो ने भाग लिया।
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