ब्रोडगेज लाईन: प्रधानमंत्री ने दिया आश्रवासन
दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर संभाग के सांसदों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से संसद भवन स्थित कार्यालय में भेंट कर रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर एवं उदयपुर-डूंगरपुर-हिम्मतनगर ब्रोडगेज लाईन की मंजूरशुदा परियोजनाओं का कार्य प्राथमिकता से करवाने का आग्रह किया। उन्होंने इस सम्बंध में एक ज्ञापन भी दिया।
दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर संभाग के सांसदों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से संसद भवन स्थित कार्यालय में भेंट कर रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर एवं उदयपुर-डूंगरपुर-हिम्मतनगर ब्रोडगेज लाईन की मंजूरशुदा परियोजनाओं का कार्य प्राथमिकता से करवाने का आग्रह किया। उन्होंने इस सम्बंध में एक ज्ञापन भी दिया।
बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद श्री मानशंकर निनामा, चित्तौड़गढ़ के सांसद श्री सी.पी. जोशी, भीलवाड़ा के सांसद श्री हरिओम सिंह राठौड़ और उदयपुर के सांसद श्री अर्जुन लाल मीणा तथा वांगड़ रेल संघर्ष समिति के संयोजक श्री भारत सिंह राव ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इन दोनों रेल परियोजनाओं के पूर्ण होने से राजस्थान, गुजरात एवं मध्य प्रदेश के साथ ही पूरे देश के रेल नेटवर्क से जुड़ जाये।
मुलाकात के दौरान बांसवाड़ा के सांसद श्री निनामा ने श्री मोदी को बताया कि दक्षिण राजस्थान गुजरात एवं मध्यप्रदेश से लगा आदिवासी बहुल वागड़ क्षेत्र है। इस क्षेत्र के लाखों लोग रोजगार के लिए गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश में आते-जाते हैं और इन प्रदेशों के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी बने हुए है। तीनों राज्यों के मध्य मजबूत सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं व्यावसायिक रिश्ते हैं।
दुर्भाग्य से आजादी के 68 साल के बाद भी दक्षिणी राजस्थान का बांसवाड़ा राज्य का एकमात्र ऐसा जिला है, जिसके किसी भी कोने से रेल नही गुजरती। कई पीढि़याँ रेल की आशा में दुनियां से चल बसी हैं। वर्तमान में बांसवाड़ा जिले के निवासियों को जिला मुख्यालय से 85 कि.मी. दूर रतलाम (म.प्र.) और 105 कि.मी. दूर (डंूगरपुर) तथा करीब 125 कि.मी. दाहोद (गुजरात) पहुंच कर रेलगाड़ी के सफर की सुविधा लेनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से आज आप इस महान देश के प्रधानमंत्री हैं। इस आदिवासी अंचल की जनता आपकी ओर बड़ी आशा एवं विश्वास के साथ देख रही है। आपने पिछले चुनावों में उदयपुर की एक सभा में कहा था कि गुजरात के हर घर में बांसवाड़ा-डूंगरपुर के लोग अपने कठिन परिश्रम और ईमानदारी से गुजरातवासियों का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं और गुजरात ने जो प्रगति की है उसमें राजस्थान के लोगों का विशेषकर वागड़वासियों (डूंगरपुर-बांसवाड़ा) का विशेष योगदान है। सौभाग्य से हमारे रेल मंत्री भी महाराष्ट्र से हैं और गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी लाखों की संख्या में वागड़वासी रहते हैं। यह भी सुखद संयोग है कि वर्तमान में राजस्थान और इन सभी राज्यों में भाजपा की अपनी सरकार है।
सांसदों ने बताया कि आजादी के बाद से ही वागड़ की जनता बांसवाड़ा को रतलाम एवं डूंगरपुर तथा दाहोद से जोड़ने की मांग करती रही है। राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाले बांसवाड़ा के ही स्वर्गीय श्री हरिदेव जोशी भी इस आदिवासी अंचल को रेल का तोहफा नहीं दिलवा पाये।
तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बांसवाड़ा जिले की जनता के दर्द को समझकर इस आदिवासी जिले को रेल सुविधा से जोड़ने की घोषणा की थी।
उन्होंने बताया कि वागड़वासियों के लगातार दबाव के चलते पिछली सरकार डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम नई रेल लाईन के लिए बाध्य हुई और तत्कालीन राजस्थान सरकार को कुल लागत की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी 1250 करोड़ रू. और इस रेल लाईन के लिए अधिग्रहित जमीन आदि का समस्त व्यय देने की घोषणा और 03 जून, 2011 में इस रेल लाईन का शिलान्यास हुआ। शिलान्यास के समय सन् 2016 तक इसका कार्य पूर्ण करवाने की घोषणा की गई थी।
श्री निनामा ने बताया कि इस रेल परियोजना का शिलान्यास का पत्थर लगाये जाने के अलावा इस बहुप्रतीक्षित रेल लाईन के लिए कुछ विशेष काम आगे नहीं बढ़ पाया है।
श्री निनामा ने बताया कि यह महत्वाकांक्षी रेल लाईन से न केवल आदिवासी क्षेत्र की जीवन-रेखा बनेगी वरन् मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात के साथ पूरे देश को इस आदिवासी अंचल से जोड़गी। साथ ही सामरिक दृष्टि से भी यह रेल लाईन बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी। उद्योग-धंधों और अन्य कारोबारों के अलग सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश एवं गुजरात से सटे हुए राजस्थान के इस सुदूर आदिवासी बहुल क्षेत्र की जनता की लम्बे समय से प्रतीक्षित डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाईन के कार्य को तेज गति से सम्पन्न करवाया जाए और इसके लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान रखवाया जाए। और राजस्थान के इस सुदूर आदिवासी बहुल क्षेत्र की जनता की लम्बे समय से प्रतीक्षित डूंगरपुर’बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाईन के कार्य को तेज गति से सम्पन्न करवाया जाए और इसके लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान रखवाया जाए।
उदयपुर-डूंगरपुर-हिम्मतनगर ब्रोडगेज रेल परियोजना
साथ ही सांसदों ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उदयपुर-डूंगरपुर-हिम्मतनगर (गुजरात) की मीटर गेज रेल लाईन को ब्रॉडगेज में बदलने की मंजूरशुदा रेल लाईन के कार्य को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दिलवाई जाये ताकि पूरा दक्षिणी राजस्थान पूरे देश के रेल नेटवर्क से जुड़ सके। उन्होंने बताया कि इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वरन् गुजरात एवं राजस्थान की व्यावसायिक, उद्योग धंधों और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल सकेगा।
सांसदों ने कहा कि दक्षिण राजस्थान के वागड़-उदयपुर क्षेत्रा के लोग केन्द्र सरकार की ओर टकटकी लगाये आशा की निगाहों से देख रहे हैं और हमें विश्वास है कि रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर-हिम्मतनगर की बहुप्रतीक्षित रेल परियोजना के कार्य को प्राथमिकता से पूरा करवायेगें, ताकि वागड़वासियों का बहुप्रतीक्षित सपना पूरा हो सकेगा। साथ ही उदयपुर-डूंगरपुर- हिम्मतनगर (गुजरात) की मीटर गेज रेल लाईन को ब्रॉडगेज में बदलने की मंजूराशूदा रेल लाईन के लिए वर्तमान बजट में पर्याप्त धनराशि आवंटित करवाकर इस महत्वपूर्ण कार्य को प्राथमिकता से पूरा करवायेगें।
प्रधानमंत्राी ने दिया आश्रवासन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संासदों के ज्ञापन को ध्यान पूर्वक पढ़ और आश्वासन दिया कि वे इस मामले को व्यक्तिशः देखगें और दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करवाने के लिए हर संभव सहयोग दिलवाने का प्रयास करेगें।
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