आकाशवाणी के प्रसारण आज भी महत्वपूर्ण: डॉ. व्यास
पूर्व केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा चित्तौडग़ढ़ की सांसद डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि टी.वी., उपग्रह चैनल व इंटरनेट जैसे सशक्त जनसंचार माध्यमों के बावजूद आकाशवाणी आज भी अपनी महत्ती भूमिका दिए हुए क्योकि देश के दूरस्थ दुर्गम ग्रामीण स्थानों पर जहां भारत की आत्मा निवास करती है वहां रेडियो, सूचना शिक्षा व मनोरजंन का महत्वपूर्ण साधन है।
पूर्व केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा चित्तौडग़ढ़ की सांसद डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि टी.वी., उपग्रह चैनल व इंटरनेट जैसे सशक्त जनसंचार माध्यमों के बावजूद आकाशवाणी आज भी अपनी महत्ती भूमिका दिए हुए क्योकि देश के दूरस्थ दुर्गम ग्रामीण स्थानों पर जहां भारत की आत्मा निवास करती है वहां रेडियो, सूचना शिक्षा व मनोरजंन का महत्वपूर्ण साधन है।
डॉ. गिरिजा व्यास शनिवार को मोहता पार्क स्थित आकाशवाणी, उदयपुर के स्टूडियो परिसर में सूचना प्रसारण मंत्रालय के आकाशवाणी महानिदेशालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित वाणी पाठयक्रम में सफल रहे उदयपुर संभाग के आकस्मिक उद्घोषक व कॉम्पीर्य व आर.जे. को वाणी प्रमाण पत्र वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रही थी।
इस अवसर उन्होंने आकस्मिक उद्घोषक कम्पीयर्स व आर.जे. को वाणी प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता आकाशवाणी के राजस्थान के उप महानिदेशक माणिक आर्य ने की। जबकि विशिष्ठ अतिथि आकाशवाणी उदयपुर के निदेशक (अभियांत्रिकी) सतीश देपाल थे।
डॉ. व्यास ने आकाशवाणी के कार्यक्रमों की गरिमा, गुणवत्ता व उपयोगी प्रसारणों की प्रशंसा करते हुए कहा कि रेडियो के प्रसारण आज भी अपनी प्रासंगिकता लिए हुए है। इस अवसर पर माणिक आर्य ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया की स्थानीय कला संस्कृति संगीत को सरंक्षित करने व बढावा देने में आकाशवाणी उदयपुर में सदैव अग्रणीय भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम के अंत में सतीश देपाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह में कार्यक्रम अधिकारियों व प्रसारण कर्मियों, वरिष्ठ उद्घोषक व आर.जे. दीपक मेहता सहित अनेक आकस्मिक उद्घोषक, कम्पीयर्स ने भाग लिया। संचालन रागिनी व अनिल पानेरी ने किया।
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