बुंदेलखण्डी संस्कृति व हास्य के साथ सामाजिक सारोकार
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में खजुराहो से आये कलाकारों ने राजेन्द्र सिंह द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘अब तो जागो’’ में बुंदेलखण्ड की लोक संस्कृति के तत्वों के कलात्मक प्रयोग के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों पर दर्शकों का ध्यान खींचा। नाटक का मकसद लोक ततवें के जरिये लोक कल्याण का संदेश देना था। निर्देशक राजेन्द्र सिंह ने प्रस्तुति में बुंदेलखण्ड के प्रसिद्ध राई नृत्य, लोक गीत बनरा आदि का प्रयोग करते हुए दहेज प्रथा, छूआछूत, अंधविश्वास के प्रति लोगों को सावचेत किया वहीं सरकारी अस्पतालों में मिल रही सुविधाओं के प्रति भी एक जन संदेश दिया गया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में रविवार को बुंदेलखण्ड के कलाकारों ने नाटक ‘‘अब तो जागो’’ में जहां बुंदेलखण्डी संस्कृति को दर्शाया वहीं हास्य पुट के साथ कई सामाजिक संदेश भी दिये गये।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में खजुराहो से आये कलाकारों ने राजेन्द्र सिंह द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘अब तो जागो’’ में बुंदेलखण्ड की लोक संस्कृति के तत्वों के कलात्मक प्रयोग के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों पर दर्शकों का ध्यान खींचा। नाटक का मकसद लोक ततवें के जरिये लोक कल्याण का संदेश देना था। निर्देशक राजेन्द्र सिंह ने प्रस्तुति में बुंदेलखण्ड के प्रसिद्ध राई नृत्य, लोक गीत बनरा आदि का प्रयोग करते हुए दहेज प्रथा, छूआछूत, अंधविश्वास के प्रति लोगों को सावचेत किया वहीं सरकारी अस्पतालों में मिल रही सुविधाओं के प्रति भी एक जन संदेश दिया गया।
कलाकारों ने ठेठ देसी अंदाज में प्रस्तुति को रोचक तो बनाया ही वहीं हास्य के साथ समाज कल्याण के संदेशों को बखूबी से प्रस्तुत किया। प्रस्तुति में गीत संगीत का प्रयोग व बुंदेलखण्डी भाषा का प्रयोग भी दर्शकों को खूब रास आया। प्रस्तुति में भाग लेने वाले कलाकारों में निर्देशक राजेन्द्र सिंह, हिमालय, बेबी प्रजापति, शैलेन्द्र, कमल, संदीप, आशेष, बारे लाल, अनूप, परमाल सिंह, लवकुश, नेहा चौरसिया, साक्षी यादव, सूरज व कन्दू रैकवार आदि ने भाग लिया।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal