आचार संहिता का उल्लंघन मुद्रक, प्रकाशक व वितरक के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में पेश

आचार संहिता का उल्लंघन मुद्रक, प्रकाशक व वितरक के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में पेश

जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती आनंदी की ओर से प्राधिकृत अधिकारी बड़गांव तहसीलदार वीरभद्र सिंह ने अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या-2 उदयपुर में मुद्रक लकी ऑफ़सेट के अरिहन्त जैन, प्रकाशक राजेश वसीटा व वितरक कैलाश चौबीसा

 

आचार संहिता का उल्लंघन मुद्रक, प्रकाशक व वितरक के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में पेश

उदयपुर, 26 अप्रेल 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार के लिए प्रकाशित पेम्फलेट में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर संबंधित मुद्रक, प्रकाशक एवं वितरक के विरुद्ध प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती आनंदी की ओर से प्राधिकृत अधिकारी बड़गांव तहसीलदार वीरभद्र सिंह ने अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या-2 उदयपुर में मुद्रक लकी ऑफ़सेट के अरिहन्त जैन, प्रकाशक राजेश वसीटा व वितरक कैलाश चौबीसा के विरुद्ध इस आशय का परिवाद शुक्रवार को पेश किया। जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।

परिवाद में प्राधिकृत अधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रचार हेतु समस्त प्रकाशन कार्यों में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के प्रावधान लागू होते है जिनका प्रत्येक मुद्रक, प्रकाशक को पालन करना अनिवार्य है। प्रावधान के अनुसार पेम्फलेट, पोस्टर का मुद्रण करते समय परिशिष्ट क में प्रकाशक द्वारा घोषणा पत्र भरवाया जाना मुद्रक की जिम्मेदारी होती है। किन्तु लक्की ऑफसेट के अरिहन्त जैन द्वारा यह घोषणा भरवाए बिना ही पेम्फलेट का मुदण एवं प्रकाशन कर दिया जो कि एक दण्डनीय अपराध है। जिसके लिए धारा 127 क (4) के अनुसार 6 माह की कारावास या 2 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनो दण्ड दिये जा सकते है।

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परिवाद में यह कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान की ओर से 12 मार्च 2019 को आमसूचना दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई गई थी तथा जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से भी जिले की प्रिंटिंग प्रेस के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर धारा 127 क के प्रावधानों की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गई थी। फिर भी प्रकाशक ने प्रावधानों की अनुपालना नहीं की। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से जारी नोटिस में जैन ने यह स्वीकार किया कि भूलवश उसने प्रावधानों का पालन नहीं किया।

परिवाद में यह बताया गया कि यह जानते हुए कि मुद्रित पेम्फलेट विधि के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे है, बड़गांव निवासी कैलाश चौबीसा ने ये पेम्लेट्स वितरित एवं प्रसारित किए। प्राधिकृत अधिकारी ने चौबीसा द्वारा पेम्फलेट वितरण के साक्ष्य स्वरूप फोटोग्राफ भी अदालत में प्रस्तुत किए।

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