जश्ने खदीजतुल-कुबरा मनाया
मस्जिद हुज्जतुल इस्लाम (बीच की मस्जिद) सिलावटवाडी में मंगलवार रात बाद नमाज ईशा के हजरत खदीजा रदियल्लाहो अन्हा की याद में महफिले मिलाद का प्रोग्राम रखा गया।
प्रोग्राम की शुरूआत में नातख्वां अब्दुल अजीज ने हम्द, नात व मनकबत पेश की। उसके बाद मुहम्मद मुसन्ना रजवी जहांगीरी ने हजरत खदीजा रदियल्लाहो अन्हा की जिन्दगी के अहम पहलुओं को बयान किया।
मस्जिद हुज्जतुल इस्लाम (बीच की मस्जिद) सिलावटवाडी में मंगलवार रात बाद नमाज ईशा के हजरत खदीजा रदियल्लाहो अन्हा की याद में महफिले मिलाद का प्रोग्राम रखा गया।
प्रोग्राम की शुरूआत में नातख्वां अब्दुल अजीज ने हम्द, नात व मनकबत पेश की। उसके बाद मुहम्मद मुसन्ना रजवी जहांगीरी ने हजरत खदीजा रदियल्लाहो अन्हा की जिन्दगी के अहम पहलुओं को बयान किया।
इन्होंने अपने बयान में बताया कि पैगम्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम की पहली बीवी है और इन्होंने ही औरतों में सबसे पहले इस्लाम कबूल किया। इन्होने इस्लाम को फैलाने में तन-मन-धन से मदद की और अपने शोहर को खुश रखने के लिए हमेशा तैयार रही कभी किसी तरह की तकलीफ नहीं पहुंचाई।
मुहम्मद मुसन्ना रजवी ने कहा कि आज के इस दौर में मां-बहनों को कैसे इस्लामी दायरे में जिन्दगी गुजारनी चाहिए। प्रोग्राम के आखिर में सलातो-सलाम के बाद तबार्रूक का वितरण किया गया। उक्त जानकरी मोहसिन हैदर ने दी।
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