एमपीयूएटी के ग्यारहवें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति ने प्रदान की उपाधियाँ


एमपीयूएटी के ग्यारहवें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति ने प्रदान की उपाधियाँ

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का ग्यारहवाँ दीक्षान्त समारोह 22 दिसम्बर 2017 को दोपहर 1.00 बजे विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानन्द सभागार में हर्षोल्लास से आयोजित किया गया। शैक्षणिक प्रगमन के आगमन के पश्चात कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रगान व महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगीत के गायन के साथ हुआ।

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एमपीयूएटी के ग्यारहवें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति ने प्रदान की उपाधियाँमहाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का ग्यारहवाँ दीक्षान्त समारोह 22 दिसम्बर 2017 को दोपहर 1.00 बजे विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानन्द सभागार में हर्षोल्लास से आयोजित किया गया। शैक्षणिक प्रगमन के आगमन के पश्चात कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रगान व महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगीत के गायन के साथ हुआ।

माननीय राज्यपाल महोदय एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने युग पुरूष महाराणा प्रताप को नमन करते हुए दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले व उपाधि धारक विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि विपरीत भौगोलिक व जलवायु की परिस्थितियों के बावजूद यहाँ के कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के योगदान से राजस्थान का नाम अग्रणी राज्यों मे लिया जाता है। मेवाड़ मे सीमित जोत और जल संसाधनों के कारण समन्वित कृषि पद्यति से खेती करने की महती आवश्यकता है। इससे किसानों की आय मे 25-50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है।

श्रीमान् कल्याण सिंह जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों को हमारी संस्कृति के संदर्भ मे कृषि माॅडल तैयार करने चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में वैज्ञानिक खेती द्वारा हमारे देश में भरपूर पैदावार हो रही है, इसमें कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों का भी अहम योगदान रहा है, लेकिन आज भी हमारे किसानों को उनके फसल उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो मे छात्राओं की अधिक संख्या दर्शाती है कि आज कृषि शिक्षा मे वे अग्रणी हैं। दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो मे 24 छात्राएँ एवं 14 छात्र थे।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री गुलाब चन्द जी कटारिया, माननीय गृहमंत्री राजस्थान सरकार ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले व उपाधि धारक विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि कृषि के विकास मे महाराणा प्रताप का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होने बताया कि पंडित चक्रपाणि मिश्र द्वारा रचित ग्रंथ ‘‘विश्ववल्लभ‘‘ कृषि क्षेत्र मे विषेष जानकारी प्रदान करता है आज इस पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने की आवश्यकता है।

आज के दीक्षान्त समारोह में दिसम्बर, 2016 से 30 नवम्बर, 2017 के दौरान योग्य पाये गये 792 विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं 38 वरीयता प्राप्त छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सुशोभित किया गया। राज्यपाल तथा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के विश्वविद्यालय में आगमन पर उनका अभिनन्दन करते हुए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमा शंकर शर्मा ने विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों, गतिविधियों व भावी कार्य-योजनाओं का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रो. शर्मा ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने शिक्षण, शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं।

इन्हें मिली उपाधियाॅं-

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ड़ाॅ. जी. पी. शर्मा ने बताया कि दीक्षान्त समारोह में दिये जाने वाले 38 स्वर्ण पदकों का विवरण इस प्रकार रहा- कृषि में 07, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी में 03, इंजीनियरिंगमें 16, गृह विज्ञान में 03, मात्स्यकी में 01 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गए। इसी के साथ कृषि स्नातकोत्तर संकाय में सुश्री विनीता कश्यप को कुलाधिपति स्वर्ण पदक भी प्रदान किया गया व इंजिनियरिंग संकाय में 03 विद्यार्थियों को ‘‘जैन इरिगेशन मेडल’’ स्वर्ण पदक से सुशोेभित किया गया।

दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2016-17 में सफलतापूर्वक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 588 विद्यार्थियों को स्नातक, 137 को स्नातकोत्तर तथा 67 विद्यार्थियों को विद्या-वाचस्पति की उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें से कृषि संकाय में 138, इंजीनियरिंग संकाय में 356, गृह विज्ञान संकाय में 04, डेयरी व खाद्य विज्ञान प्रौद्योगिकी में 48, जैव प्रौद्योगिकी में 21 व मात्स्यकी संकाय में भी 21 स्नातक उपाधियाँ प्रदान की गईं।

इसी प्रकार दिनांक 1 दिसम्बर, 2016 से 30 नवम्बर, 2017 तक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक पूर्ण करने वाले 137 विद्यार्थियो को एमएस.सी./एम.टेक एवं 67 विद्यार्थियों को विद्यावाचस्पति (पीएच.डी.) की उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें से कृषि संकाय में 50 एम.एससी. व 40 पीएच.डी., इंजिनियरिंग में 68 एम.टेक व 16 पीएच.डी., गृह विज्ञान में 12 एम.एससी. व 10 पीएच.डी., मात्स्यकी में 7 विद्यार्थियों को एमएफ.एससी. व 01 छात्र को पीएच.डी. की उपाधियाँ प्रदान की गईं।

दीक्षांत समारोह के समन्वयक डाॅ. बी. पी. नन्दवाना ने बताया कि इस अवसर पर राजभवन के विशेषाधिकारी श्री अजय शंकर पाण्डेय, माननीय विधायक उदयपुर (ग्रामीण) श्री फूलसिंह मीणा, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रो. जे. पी. शर्मा, विशेषाधिकारी, कुलपति एमपीयूएटी ड़ाॅ. सुभाष भार्गव, वित नियंत्रक श्रीमती कुमुदिनी चांवरिया सहित अनेक गणमान्य नागरिक, अधिकारी, विश्वविद्यालय के पूर्व एवं वर्तमान निदेशक, पूर्व एवं वर्तमान अधिष्ठाता, विभिन्न संकाय अध्यक्ष, मीड़िया अधिकारी, अतिथि एवं मेडल तथा उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव सुश्री प्रियंका जोधावत, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. जी. पी.शर्मा एवं समन्वयक डाॅ. बी. पी. नन्दवाना ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में माननीय राज्यपाल महोदय एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह के साथ ही विश्वविद्यालय के प्रबन्ध मण्डल एवं अकादमिक परिषद् के सदस्यों ने प्रगमन के रूप में सभागार में प्रवेश किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ एवं अन्त राष्ट्रगान से सम्पन्न हुआ।

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