अपने ही कर्मचारियों की नहीं सुनते रोडवेज के मुख्य प्रबंधक

अपने ही कर्मचारियों की नहीं सुनते रोडवेज के मुख्य प्रबंधक

रोडवेज कर्मियों ने लगाए गंभीर आरोप 
 
 
अपने ही कर्मचारियों की नहीं सुनते रोडवेज के मुख्य प्रबंधक
150 शिकायतों के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही, वहीँ मुख्य प्रबंधक ने अपने ऊपर लगे आरोपो को नकारा  
 

उदयपुर 1 मार्च 2020। राजस्थान राज्य परिवहन निगम चालक यूनियन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है की उदयपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक महेश उपाध्याय पर 150 से अधिक शिकायते दर्ज होने के बावजूद भी उच्च प्रबंधन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 

राजस्थान राज्य परिवहन निगम चालक यूनियन के संभाग सचिव मोती लाल शर्मा, शाखा अध्यक्ष हीरालाल पालीवाल, शाखा सचिव लोगरलाल तेली के शनिवार को लेकसिटी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया की उदयपुर आगार के चीफ मैनेजर अपनी मनमर्जी और तानाशाही से प्रबंधन कर रहे है। चालक परिचालक से अवैध वसूली करने, बसों में टायर ट्यूब और कलपुर्जे निजी राशि से बदलवाने को बाध्य कर रहे है इस बाबत यूनियन के नेताओ ने दावा किया है की उनके पास ऑडियो और सबूत मौजूद है। 

भारतीय मज़दूर संघ की चालक यूनियन ने आरोप लगाते हुए कहा की मुख्य प्रबंधक की लोक परिवहन के संचालको से सांठगांठ है। रोडवेज के कमाई वाले रूट्स पर चलने वाली निगम की गाड़ियों को उन्होंने खस्ताहाल होने का बहाना बनाकर बंद करने की साज़िश कर रहे है। वहीँ बस स्टैंड पर निर्मित दुकाने किराये पर न देकर निगम को राजस्व हानि पहुंचा रहे है। 

चालक यूनियन के नेताओ ने आरोप लगाया की मुख्य प्रबंधक की भेदभाव नीति से परेशान होकर कई चालकों ने अपने ट्रांसफर करवा लिए जिससे चालकों की कमी के चलते वर्तमान में कार्यरत चालकों को साप्ताहिक अवकाश और पीएल भी मिलना बंद हो गया है। 

मुझ पर लगाए आरोप तथ्यहीन और बेबुनियाद है। पिछले दो वर्ष से गाड़ियों, कलपुर्जे, टायर और संसाधनों की कमी के बावजूद बसों का संचालन सुचारु रूप से जारी है। लोक परिवहन और निजी ट्रेवल्स से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। लोक परिवहन की बसे चलाने की मंज़ूरी राज्य सरकार ने दे रखी है। मैंने किसी भी ड्राइवर को अपने खर्च से निगम की बस में टायर डलवाने को नहीं कहा - महेश उपाध्याय, मुख्य प्रबंधक 

वही चालक यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है की मुख्य प्रबंधक के खिलाफ परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी लिखित में शिकायत पत्र भेजे गए है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।         

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