लाइव वर्कशॉप में रोपे बचपन की चोट में बाल


लाइव वर्कशॉप में रोपे बचपन की चोट में बाल

बाल प्रत्यारोपण (हेयर ट्रान्सप्लांट) के क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों में आये क्रान्तिकारी बदलाव की जानकारी देते हुए दक्षिणी राजस्थान के एकमात्र हेयर ट्रान्सप्लांट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. प्रशान्त अग्रवाल ने जी.बी.एच. अमेरिकन हॉस्पीटल में आयोजित एक दिवसीय लाइव वर्कशॉप में सिर लगी बचपन के चोट के निशान पर, जिस पर पुन: बाल आ पाना असम्भव था, सिर के पिछले हिस्से से बाल जड़ सहित लेकर प्रत्यारोपित कर दिखाया। इस अवसर पर हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. देव कोठारी, सीईओ डॉ. वल्लभ पारीख एवं सीओओ आनंद झा भी उपस्थित थे।

 

लाइव वर्कशॉप में रोपे बचपन की चोट में बालबाल प्रत्यारोपण (हेयर ट्रान्सप्लांट) के क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों में आये क्रान्तिकारी बदलाव की जानकारी देते हुए दक्षिणी राजस्थान के एकमात्र हेयर ट्रान्सप्लांट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. प्रशान्त अग्रवाल ने जी.बी.एच. अमेरिकन हॉस्पीटल में आयोजित एक दिवसीय लाइव वर्कशॉप में सिर लगी बचपन के चोट के निशान पर, जिस पर पुन: बाल आ पाना असम्भव था, सिर के पिछले हिस्से से बाल जड़ सहित लेकर प्रत्यारोपित कर दिखाया। इस अवसर पर हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. देव कोठारी, सीईओ डॉ. वल्लभ पारीख एवं सीओओ आनंद झा भी उपस्थित थे।

करीबन दो घण्टे चले इस ऑपरेशन को आम जनता ने हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में लाइव देखा और ये जाना कि इस नवीन अत्याधुनिक तकनीक में किसी प्रकार की चीरफाड़ नहीं होती तथा टांके भी नहीं लगाये जाते। किसी प्रकार की बेहोशी मरीज को नहीं दी गई तथा पूरे ऑपरेशन के दौरान मरीज पूर्ववत बातचीत भी करता रहा। ऑपरेशन के दौरान ऑडिटोरियम में उपस्थित लोगों ने डॉ. प्रशान्त अग्रवाल से सीधे वार्तालाप किया तथा अपनी शंकाओं का समाधान किया। चोट के निशान में लाइव ट्रान्सप्लांट का यह राजस्थान का सम्भवत: प्रथम प्रयास था।

लाइव वर्कशॉप में रोपे बचपन की चोट में बालहेयर ट्रान्सप्लांट वर्कशॉप के बाद आयोजित प्रेसवार्ता में डॉ. प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि बिना टांके/निशान की इस नई विधि जिसे एफ.यू.ई. कहा जाता है, इसे सर्वप्रथम राजस्थान में लगभग दो वर्ष पूर्व उन्होंने जी.बी.एच. अमेरिकन हॉस्पीटल में चालू किया। इसका विशेष प्रशिक्षण उन्होंने विश्व प्रसिद्ध हेयर ट्रान्सप्लांट सेन्टर तेल हशोमर हॉस्पिटल, तेल अवीव, इजरायल से प्राप्त किया। तब से अब तक डॉ. अग्रवाल पचास से भी अधिक रोगियों को जिनमें सभी प्रकार की दवाई जवाब दे चुकी थीं, बाल प्रत्यारोपण करके गंजेपन के अभिशाप से हमेशा के लिये मुक्ति दिला चुके हैं।

लाइव ट्रान्सप्लांट के अलावा कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण रहा – डॉ. अग्रवाल द्वारा पूर्व में किये गये ट्रान्सप्लांट रोगियों से सीधा वार्तालाप। पूर्व में किये गये प्रत्यारोपण के मरीजों ने बताया कि ट्रान्सप्लांट सर्जरी उनके लिए एक अच्छा अनुभव था, जिसमें उन्हें किसी प्रकार का दर्द नहीं हुआ, बेहोश नहीं किया गया, ऑपरेशन के बाद भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई और आज वे अपनी व्यक्तित्व में आए निखार से पूर्णत: संतुष्ट हैं।

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