बाल श्रमिक को मिला आसरा
दस साल की उम्र से स्कूल में पढ़ाई की जगह घरों में काम करने वाले झाड़ोल निवासी एक बाल श्रमिक को दिल्ली की बाल कल्याण समिति ने मुक्त कराया और उदयपुर अपने परिजनों से मिलने लाया गया पर परिवार वालो ने समाज सेवी संस्थान की टीम को ही बंदी बना दिया, बालक ने भी घर वालो के साथ न रहने की इच्छा जताई जिस पर उसे फिर से संस्थान को सौंप दिया गया।
दस साल की उम्र से स्कूल में पढ़ाई की जगह घरों में काम करने वाले झाड़ोल निवासी एक बाल श्रमिक को दिल्ली की बाल कल्याण समिति ने मुक्त कराया और उदयपुर अपने परिजनों से मिलने लाया गया पर परिवार वालो ने समाज सेवी संस्थान की टीम को ही बंदी बना दिया, बालक ने भी घर वालो के साथ न रहने की इच्छा जताई जिस पर उसे फिर से संस्थान को सौंप दिया गया।
इतना पीटा कि दोनों हाथ तोड़ दिए
दिल्ली के सलाम बाल कल्याण समिति के ट्रस्टी शंभू शर्मा ने बताया कि बालक को दिल्ली पुलिस ने उनके हवाले किया था।
बच्चे ने शर्मा को अपनी आपबीती सुनाई कि किस तरह उसे तीन महीने पहले दिल्ली निवासी योगेन्द्र नमक व्यक्ति के घर पर साफ़ सफाई का कार्य करता था। एक दिन योगेन्द्र ने उसे पानी की मोटर चालू करने के लिए कहा और वह करना भूल गया। इस गलती पर योगेन्द्र ने बालक को इतना बुरा पीटा कि उसके दोनों हाथों की हड्डिया टूट गई।
मार के डर वह घर से भाग गया स्थानीय लोगो ने उसे पुलिस तक पहुचाया पुलिस ने मामला समझकर आरोपी को हिरासत में ले लिया।
एन.जी.ओ टीम को बनाया बंदी
बाल श्रमिक के परिजनों द्वारा कोर्ट से बालक से मिलने की गुजारिश करने पर ट्रस्टी शंभू शर्मा टीम बालक को परिजनों से मिलावाने रविवार को बाघपुरा (झाड़ोल) पहुँचे जहा उसके परिजनों व ग्रामीणों ने टीम सदस्यों पर अप्रत्याशित हमला बोलते हुए बालक को छीन लिया और टीम सदस्यों के साथ बदसलूकी की।
इस पर टीम ने तत्काल उदयपुर बाल कल्याण समिति को सूचित किया जिसने समिति ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्रीय उप सरपंच रमेश कोठारी से आग्रह कर टीम के सदस्यों को सुरक्षा दिलाई।
सूचना मिलने पर उदयपुर बाल कल्याण समिति ने पुलिस की सहायता लेकर ट्रस्टी व बालक को उदयपुर लेकर आई। उदयपुर बाल कल्याण के धर्मेश जैन ने बताया कि बालक व शर्मा को सुरक्षित उदयपुर लेकर आ गये हैं। बालक को जल्द ही शंभू शर्मा के साथ दिल्ली रवाना कर दिया जाएगा.
अतिरिक्त जानकारी के अनुसार बालक के अलावा उसके छ: भाई-बहन और भी हैं। इसके पिता बेरोजगार हैं था इसकी माँ कही और चली गई।
जानकारी यह भी है कि बालक को दिल्ली ले जाने वाले उदयपुर निवासी सुंदरलाल जैन को कोर्ट ने बाल श्रम कराने के आरोप में 6 महीने की कैद और 20 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
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