बालश्रम मुक्त बने समाज: निराला
सरकार एवं अन्य संस्थाओं के प्रयासों के साथ-साथ जब तक हर गांव के आमजन बालश्रम के विरोध में आगे नहीं आयेंगे तक तक समाज बालश्रम मुक्त नहीं बन सकता, यह विचार जिले के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र सराड़ा तहसील में ग्राम गाँधीपुरा में गायत्री सेवा संस्थान एवं स्थानीय ग्रामीणों द्वारा आयोजित विष्व बालश्रम निषेध दिवस में संम्बोधित करते हुए यूनिसेफ राजस्थान के बालसंरक्षण अधिकारी संजय निराला ने व्यक्त किये।
सरकार एवं अन्य संस्थाओं के प्रयासों के साथ-साथ जब तक हर गांव के आमजन बालश्रम के विरोध में आगे नहीं आयेंगे तक तक समाज बालश्रम मुक्त नहीं बन सकता, यह विचार जिले के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र सराड़ा तहसील में ग्राम गाँधीपुरा में गायत्री सेवा संस्थान एवं स्थानीय ग्रामीणों द्वारा आयोजित विश्व बालश्रम निषेध दिवस में संम्बोधित करते हुए यूनिसेफ राजस्थान के बालसंरक्षण अधिकारी संजय निराला ने व्यक्त किये।
कार्यक्रम में यूनिसेफ राज्य प्रतिनिधि सुलग्ना रॉय ने विद्यालय प्रबंधन समितियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों से बाल संरक्षण के मुद्दे पर प्राथमिकता से कार्य करने का सुझाव दिया एवं दूर दराज जनजाति क्षेत्र में बाल संरक्षण के लिये कार्यरत गायत्री सेवा संस्थान का आभार व्यक्त कर प्रशंसा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप जिला मजिस्ट्रेट, सराड़ा धीरेन्द्र व्यास ने सरकार द्वारा बच्चों के लिये चलायी जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कार्यक्रम में आये समस्त स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों से सराड़ा तहसील को बालश्रम मुक्त कर बालमित्र बनाने का आह्वाहन किया।
कार्यक्रम में बाल संरक्षण परियोजना के जिला परियोजना समन्वयक शैलेन्द्र पण्ड्या ने सरकार द्वारा हर पंचायत मुख्यालय पर नवगठित होने वाली बाल संरक्षण समितियों एवं विभिन्न बाल कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए, गायत्री सेवा संस्थान द्वारा जनजाति क्षेत्र में संचालित विभिन्न विकास कार्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में ब्लॉक प्रारम्भिक षिक्षा अधिकारी कालूलाल अहारी ने विद्यालय के बेहत्तर क्रियान्वयन एवं बच्चों की नियमितता के लिये ग्रामीणों से सहयोग की बात करते हुए पंचायत के शिक्षा से वंचित बच्चों की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को दी।
कार्यक्रम में पंचायत शिक्षा स्थायी समिति की अध्यक्ष कंकू देवी मीणा ने पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए, विश्वास दिलाया कि हमारी पंचायत आगामी समय में बालश्रम मुक्त बनकर एक मॉडल के रूप में विकसित होगी।
कार्यक्रम में पंचायत की सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी जनजाति बालिकाओं को सम्मानित किया गया एवं 6-14 वर्ष के स्थानीय बच्चों के लिये विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। अन्त में पधारे अतिथियों एवं स्थानीय ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर समाज को बालश्रम मुक्त करने का संकल्प लिया।
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