अम्बामाता में बाल विवाह रुकवाया
बाल विवाह रोको अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मंगलवार को शहर के अम्बामाता क्षेत्र में बाल विवाह को रुकवाने में सफलता हासिल की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव एवं ऐसीजेम रिद्धिमा शर्मा को अम्बामाता थाना क्षेत्र में 18 अप्रेल को होने वाले बाल विवाह की सूचना मिली जिस पर शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं संबंधित थाना अधिकारी अम्बामाता को बाल विवाह रुकवाने के लिये पत्र प्रेषित किया। थानाधिकारी अम्बामाता द्वारा नोटिस देते हुए नाबालिग के परिजन को बाल विवाह नहीं करवाने हेतु पाबंद किया गया।
बाल विवाह रोको अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मंगलवार को शहर के अम्बामाता क्षेत्र में बाल विवाह को रुकवाने में सफलता हासिल की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव एवं ऐसीजेम रिद्धिमा शर्मा को अम्बामाता थाना क्षेत्र में 18 अप्रेल को होने वाले बाल विवाह की सूचना मिली जिस पर शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं संबंधित थाना अधिकारी अम्बामाता को बाल विवाह रुकवाने के लिये पत्र प्रेषित किया। थानाधिकारी अम्बामाता द्वारा नोटिस देते हुए नाबालिग के परिजन को बाल विवाह नहीं करवाने हेतु पाबंद किया गया।
पूर्णकालिक सचिव शर्मा ने यह भी बताया कि बाल विवाह के आयोजन के दौरान उपस्थित जन समूह, बैंड वाले, लाइट डेकोरेशन वाले, ढोल नगाड़े वाले, पंडित, हलवाई, घोड़ी बग्गी वाले, कार्ड छापने वाले तथा सम्मिलित अन्य लोगों को गिरफ्तार किये जाने का प्रावधान है।
बाल विवाह में भागीदार को दो वर्ष के कारावास का प्रावधान
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह के दोषी माता-पिता सहित अन्य भागीदार बनने वालों को भी समान रूप से दोषी मानते हुए दो वर्ष की कठोर कैद या एक लाख जुर्माना अथवा दोनो सजाओं का प्रावधान रखा गया है।
महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक श्रीमती रश्मि कौशिश ने बताया कि बाल विवाह करवाने वाले माता-पिता, अभिभावक के साथ ही भागीदार बनने वाले व्यक्ति जैसे बाराती, पुजारी, रिश्तेदार, बैण्ड बाजा वाले, हलवाई, फोटोग्राफर, बारात ले जाने वाले वाहन मालिक, टेन्ट/शामियाना लगाने वाले आदि सभी समान रूप से दोषी है और कानून में इन सभी के लिए 2 वर्ष तक के कठोर कारावास या एक लाख रूपये तक के जुर्माने या दोनों सजा का प्रावधान रखा गया है।
बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई का उन्मूलन केवल कानून से सम्भव नहीं है इसके लिए सामाजिक जागरूकता एवं जन भागीदारी बहुत जरूरी है। सभी आम जन से यह पुरजोर अपील की जाती है कि वे विवाह में भाग लेने से पूर्व स्वयं के स्तर से यह सुनिश्चित करें कि होने वाले विवाह में वर एवं वधु बालिग हो।
जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाएॅ आमजन-कलक्टर
जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक ने जिले के आमजन से अपील की है कि वे बाल विवाह जैसी कुरीति के विरुद्ध संघर्ष में साथ देकर जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाएं।
आमजन के नाम जारी अपील में कलक्टर ने कहा कि समाज के जागरुक गणमान्य नागरिक, युवा एवं प्रबुद्धजन बाल विवाह के अभिशाप को मिटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। शिक्षा के अभाव में समाज में फैली इस कुरीति से कई बालिकाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाता है जो आगे चलकर समाज के विकास में बाधक होता है। उन्होने कहा कि जिला प्रशासन आगाम अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावों में सम्भावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
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