GMCH में 4 वर्षीय बच्चे की भोजन नली में फंसे अंगूर के दाने को निकालकर मिला नया जीवन

GMCH में 4 वर्षीय बच्चे की भोजन नली में फंसे अंगूर के दाने को निकालकर मिला नया जीवन

बच्चे ने जैसे ही अंगूर खाया वह उसकी भोजन नली में जाकर फँस गया, इसके पश्चात् बच्चे की तकलीफ बढ़ने लगी वह कुछ भी खाने पीने में असमर्थ हो गया

 
GMCH में 4 वर्षीय बच्चे की भोजन नली में फंसे अंगूर के दाने को निकालकर मिला नया जीवन

वर्षीय बच्चे की भोजन नली में फंसे अंगूर के दाने को एंडोस्कोपी कर सफलतापूर्वक इलाज किया गया

कोरोना महामारी के कारण बहुत से रोगियों के इलाज में बाधा आ रही है क्यूंकि रोगी इस माहामारी के कारण हॉस्पिटल जाने में संकोच कर रहे हैं परन्तु गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना महामारी के समय में सभी आवश्यक नियमों का पालन करते हुए निरंतर जटिल ऑपरेशन व आवश्यक इलाज किये जा रहे हैं| गीतांजली हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. पंकज गुप्ता, डॉ. धवल व्यास, डॉ. मनीष दोडमानी द्वारा नीमच (मध्य प्रदेश) निवासी मात्र 4 वर्षीय बच्चे की भोजन नली में फंसे अंगूर के दाने को एंडोस्कोपी कर सफलतापूर्वक इलाज किया गया। 

बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चे ने जैसे ही अंगूर खाया वह उसकी भोजन नली में जाकर फँस गया, इसके पश्चात् बच्चे की तकलीफ बढ़ने लगी वह कुछ भी खाने पीने में असमर्थ हो गया। बच्चे की स्थिति को देखते हुए उसे स्थानीय हॉस्पिटल में कान, नाक, गला रोग विशेषज्ञ को दिखाया, बच्चे का सी.टी. किया गया। बच्चे को 3 दिन बिना कुछ खाए पिए हो चले थे, बच्चे को कई निजी अस्पतालों में भी दिखाया पर किसी तरह का सुधार नही था। बच्चे की स्थिति को देखते हुए स्थनीय डॉक्टर द्वारा सभी सुविधाओं से लेस गीतांजली हॉस्पिटल भेजा गया।  

डॉ. पंकज ने बताया कि जब बच्चे को गीतांजली हॉस्पिटल लाया गया उसकी हालत को देखते हुए तुरंत एंडोस्कोपी कर अंगूर के दाने को बाहर निकल दिया गया। बच्चा अभी बिलकुल स्वस्थ है एवं आराम से खा पी रहा है। 

डॉ. पंकज ने जानकारी देते हुए कहा कि यदि कोई छोटा बच्चा गलती से भी कुछ निगल लेता है तो उसे इमरजेंसी समझना आवश्यक है क्यूंकि इस बच्चे ने तो अंगूर का दाना अपनी भोजन नली में फंसा लिया था जिस कारण इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ा और यदि ये अंगूर के स्थान पर सिक्का या कोई भी अन्य धातु होती तो 24 घंटे के भीतर ही भोजन नली में घाव हो जाते और जैसा कि हम जानते है भोजन नली के साथ ही श्वसन नली भी होती है ऐसे में रोगी को थोड़ी सी देर बहुत भारी पड़ सकती है। इसलिए सबसे ज़रूरी है छोटे बच्चों के खाने का बहुत ध्यान रखें और यदि बच्चा कुछ निगल भी ले तो बिना देरी किये तुरंत उसे हॉस्पिटल ले जाएँ। 

गीतांजली हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से संबंधित सभी एडवांस तकनीकें एंडोस्कोपी यूनिट में उपलब्घ हैं तथा गीतांजली हॉस्पिटल पिछले 14 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है। 

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