राजसमंद के आत्मा ‘‘खुशी‘‘ केन्द्र मे वैन से आऐंगें बच्चें


राजसमंद के आत्मा ‘‘खुशी‘‘ केन्द्र मे वैन से आऐंगें बच्चें

राजसमंद के खुशी आगंनवाडी केन्द्र आत्मा में भामाशाह अब बच्चों के लिये केन्द्र में पंखा और बिजली की व्यवस्था के लिये तैयार है तो वहीं पास के गांव निचली भादल के बच्चें अब वैन से आत्मा खुशी आगंनवाडी केन्द्र में आ सकेगें। राजसमंद से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आत्मा पंचायत के खुशी आगंनवाडी केन्द्र की वर्तमान मे उपस्थिति शतप्रतिशत है।

 
राजसमंद के आत्मा ‘‘खुशी‘‘ केन्द्र मे वैन से आऐंगें बच्चें

राजसमंद के खुशी आगंनवाडी केन्द्र आत्मा में भामाशाह अब बच्चों के लिये केन्द्र में पंखा और बिजली की व्यवस्था के लिये तैयार है तो वहीं पास के गांव निचली भादल के बच्चें अब वैन से आत्मा खुशी आगंनवाडी केन्द्र में आ सकेगें। राजसमंद से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आत्मा पंचायत के खुशी आगंनवाडी केन्द्र की वर्तमान मे उपस्थिति शतप्रतिशत है।

आत्मा ‘खुशी‘ केन्द्र पर सुबह प्रार्थना, व्यायाम, अल्पाहार, रचनात्मक कार्य, बौद्धिक विकास और दोपहर के भोजन के बाद स्वतंत्र खेल तक बच्चों का ठहराव सुनिश्चित है। आत्मा खुशी केन्द्र पर हिन्दुस्तान जिंक एवं जतन संस्थान के सहयोग से बच्चों की शालापूर्व शिक्षा के लिये यहा के कोर्डिनेटर नन्दकिशोर बच्चों को अपने तरिको से कविता, कहानी, गिनती, अक्षर ज्ञान, हिन्दी अंग्रेजी वर्णमाला का ज्ञान कराते है तो वहीँ वे नियमित तौर पर बच्चों के अभिभावकों और समुदाय के लोगो से आंगनवाडी में बच्चों को भेजने और आंगनवाडी में उनकी भामाशाह के बतौर सहभागिता के लिये प्रेरित भी करते है।

राजसमंद के आत्मा ‘‘खुशी‘‘ केन्द्र मे वैन से आऐंगें बच्चें

यहां की कार्यकर्ता सज्जन आमेटा ने हिन्दुस्तान जिंक के खुशी परियोजना के आंगनवाडी केन्द्र से जुडने के बाद बच्चों के ठहराव एवं उनकी संख्या में बढोतरी को अपना अनुभव बताते हुए कहा कि अब यहां पास के गांव के बच्चे भी आना चाहते है जिसके लिये अभिभावक स्वयं वैन से बच्चों को भेजने की व्यवस्था कर रहै है साथ ही अब यहा उपस्थिति से वह काफी खुश है। पहले की तरह अब बच्चों को घर से लाने और उन्हें छोडने जाने की बजाय अब अभिभावक स्वयं लाने ले जाने और बच्चों की आवश्यकता के लिये प्रेरित हो रहे है। ‘‘खुशी‘‘ खिलौना बैंक, शिक्षा बैंक, पोषाहार के लिये बर्तन, दरी पट्टी, सेनिटेशन किट हिन्दुस्तान जिंक के द्वारा उपलब्ध कराए गये है। सरकार द्वारा दिये जा रहे पूरक पोषाहार व पोषाहार को बच्चों द्वारा पंसंद किया जा रहा है।

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