बाल नाट्य कार्यशाला का समापन मंगलवार को
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से बालकों में वैचारिक और रचनात्मक सुधार लाने, उनमें कलात्मक गुणों का विकास करने तथा उनमें कला को परखने व सराहने का गुण विकसित करने के ध्येय बागोर की हवेली में आयोजित 'बाल नाट्य कार्यशाला' का समापन मंगलवार को होगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से बालकों में वैचारिक और रचनात्मक सुधार लाने, उनमें कलात्मक गुणों का विकास करने तथा उनमें कला को परखने व सराहने का गुण विकसित करने के ध्येय बागोर की हवेली में आयोजित ‘बाल नाट्य कार्यशाला’ का समापन मंगलवार को होगा। समापन पर दो बाल नाटकों का मंचन बागोर की हवेली में किया जायेगा।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा के अनुसार बागोर की हवेली में आयोजित इस नाट्य कार्यशाला में जयपुर की चिल्ड्रन थिएटर विशेषज्ञ श्रीमती बबीता मदान द्वारा उदयपुर के दो दर्जन से ज्यादा बालकों को नाट्य विधा का प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला में बालकों को अभिनय के साथ-साथ संवाद अदायगी, संगीत व नृत्य पक्ष की जानकारी भी दी गई।
कार्यशाला के दौरान श्रीमती मदान द्वारा दो नाट्य रचनाओं को तैयार किया गया। इनमें स्मिता जोशी द्वारा लिखित नाटक ‘कुछ तो सोचो’, ‘बडे लोगों’ में बच्चों ने तल्लीनता से अपने कौशल को दर्शाया।
कार्यशाला में ही एक अन्य नाटक ‘हर हर गंगे’ बालकों की प्रतिभाओं के अनुरूप इम्प्रुवाइज किया गया। दशोरा ने बताया कि इन नाटकों का मंचन मंगलवार शाम 8 बजे बागोर की हवेली में किया जायेगा।
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