नागरिको की सहभागिता झीलो के संरक्षण के लिए आवश्यक


नागरिको की सहभागिता झीलो के संरक्षण के लिए आवश्यक

उदयपुर के नागरिक झीलों की बदलती पर्यावरन स्थितियों के साक्षी रहे है। नागरिको ने इन्हें स्वच्छ से अस्वच्छ तथा मूल फैलाव से सिकुड़ते हुए देखा है। नागरिको की सहभागिता इस बदहाली को दूर करने एवं झीलो के संरक्षण के लिए आवश्यक है।

 

नागरिको की सहभागिता झीलो के संरक्षण के लिए आवश्यक

उदयपुर के नागरिक झीलों की बदलती पर्यावरन स्थितियों के साक्षी रहे है। नागरिको ने इन्हें स्वच्छ से अस्वच्छ तथा मूल फैलाव से सिकुड़ते हुए देखा है। नागरिको की सहभागिता इस बदहाली को दूर करने एवं झीलो के संरक्षण के लिए आवश्यक है।

यह विचार रविवार को झील संरक्षण विषयक संवाद में डॉ अनिल मेहता एझील प्रेमी तेजशंकर पालीवाल तथा नंदकिशोर शर्मा ने व्यक्त किये। झील संरक्षण समिति झील मित्र संस्थान तथा डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के साझे में आयोजित संवाद में झील प्रेमियों ने कहा कि राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना की स्वीकृति में नागरिको की भूमिका थी।बाद में जिम्मेदार विभागों ने नागरिको को दूर कर दिया।

फलस्वरूप योजना की भारी धन राशि खर्च होने के बाद भी झील के जल की गुणवत्ता ख़राब है तथा झीले छोटी कर दी गई है।तथापि नागरिक प्रयास झीलो को पूर्ण बर्बाद होने से बचाये हुए है। संवाद के साथ पिछोला रंगसागर से बच्चों बड़ो तथा बूढो सभी ने झील से खरपतवार एकचराएशराब की बोतले इत्यादि निकाला।

श्रमदान में हर्शल एगरिमा एप्रियांशी एशुभम कुमावत दीपेश सोनी एअजय सोनीए प्रताप सिंह राठौड़ए ललित पुरोहित एरमेश चंद्र राजपूतए रामलाल गेहलोतए अम्बालाल नकवाल एतेजशंकर पालीवाल डॉ अनिल मेहता ने भाग लिया।

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