उदयपुर, 9 जून 2021। आगामी वर्षा ऋतु में संभावित अतिवृष्टि एवं उससे उत्पन्न होने वाली आपदा में बेहतर प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों की बैठक बुधवार को जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में आयोजित हुई।
बैठक में कलक्टर देवड़ा ने आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विभागीय अधिकारियों से जिले में प्रमुख जलाशयों की स्थिति, प्रमुख बांधों के गेटों की मरम्मत, साईरनों की स्थिति, आपदा से निबटने के लिए उपलब्ध संसाधन और आपदा प्रबंधन के लिए की विभागों के स्तर पर की गई तैयारियों के बारे में जानकारी ली और समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।
कलक्टर ने समस्त संबंधित विभागों में आपदा प्रबंधन से संबंधित समस्त संसाधनों की संख्या और उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली और कहा कि ये सभी संसाधन उपयोग योग्य स्थिति में हो, यह सुनिश्चित किया जावें ताकि आपदा स्थिति में इनका त्वरित गति से उपयोग हो पाए।
बैठक दौरान जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा शीघ्र एक बुकलेट का प्रकाशन होगा जिसमें विभिन्न विभागों की कार्ययोजना के साथ आपदा प्रबंधन से जुड़े संसाधनों, व्यक्तियों की सूची, उनके संपर्क नंबर आदि उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने इस कार्ययोजना की पुस्तक को पूरी गंभीरता से तैयार करने के निर्देश दिए और चिकित्सा, एवीवीएनएल, पीएचईडी, रिलीफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सिविल डिफेंस, बीएसएनएल और यूआईटी को जल्द से जल्द कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में समस्त संबंधित विभागों तथा उपखण्ड स्तर के नियंत्रण कक्षों को 15 जून तक स्थापित करते हुए इनके आदेशों की प्रति जिला मुख्यालय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने नियंत्रण कक्षों को सदैव चौकस व सतर्क रहने और प्राप्त सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के निर्देश भी दिए।
बैठक में जिला कलक्टर देवड़ा ने कुछ विभागीय अधिकारियों के मौजूद न रहने की स्थितियों को गंभीरता से लिया और ऐसे समस्त अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
ये तैयारियां करनी होंगी:
बैठक में कलक्टर ने मत्स्य विभाग को नाव एवं गोताखोर की सूची, परिवहन विभाग से नावों की फिटनेस रिपोर्ट, रसद विभाग को जिले में पेट्रोल-डीजल और केरोसिन का पर्याप्त स्टॉक रखने, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त दवाइयों के साथ मोबाइल मेडिकल टीम तैयार रखने व बारिश के दौरान मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए फॉगिंग की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। विद्युत विभाग को बिजली सप्लाई के पोल ठीक करने, ढीले तारों को खींचकर टाइट करने, जमीन पर पड़े ट्रांसफार्मर को सही जगह पर लगाने आदि कार्य करने के निर्देश दिए वहीं पीडब्ल्यूडी को ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को निर्बाध रखने की व्यवस्था करने, नदी-नालों की रपट वाले स्थानों को चिह्नीत कर संकेतक लगाने के निर्देश दिए।
ये निर्देश भी दिए:
बैठक में नगर निगम को शहरी क्षेत्र में सभी नालों को चिह्नित करने और इनकी मानसून से पूर्व सफाई करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर में पानी भरने की समस्या वाले प्रमुख स्थानों के बारे में जानकारी ली और इस समस्या के मानसून से पूर्व ही समाधान के निर्देश दिए। कलक्टर ने जिले में बाढ़ के संभावित इलाकों का चिह्नीकरण कर तदनुसार सारी व्यवस्थाएं करने तथा आपदा प्रबंधन में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे नाव, रस्सी, तगारी फावड़ा, पेट्रोमैक्स, टॉर्च आदि की भी समुचित व्यवस्था करने को भी कहा।
बैठक में एडीएम (प्रशासन) ओ.पी.बुनकर ने आपदा प्रबंधन में समस्त विभागों से संबंधित दायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और तैयार की जाने वाली कार्ययोजना के संबंध में निर्देश दिए। बैठक में जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू, एडीएम (शहर) अशोक कुमार सहित जल संसाधन विभाग, यूआईटी, एवीवीएनएल, पीडब्ल्यूडी, पशुपालन आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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