लोकानुरंजन मेले में दूसरे दिन रंगारंग प्रस्तुतियॉं
कार्यकम की प्रस्तुतियों में जोधपुर के जाने माने कलाकार मुबारीक खान एवं पार्टी का ‘‘लंगा’’ गायन प्रस्तुत हुआ। उसके बाद तेलंगाना के पारम्परिक लोक कलाकारों द्वारा ‘‘लम्बाडी नृत्य’’ की प्रस्तुति को दर्शको कीे खूब तालियॉं मिली। अहमदाबाद के राधिका ग्रुप द्वारा ‘‘होली नृत्य’’ की भी आकर्षक प्रस्तुति हुई, अलवर के उमर फारूख के ‘‘भपंग वादन’’ ने दर्शकों का मन मोहा, बालोतरा के कलाकारों द्वारा लाल ऑंगी गैर नृत्य भी आम जनता को बहुत पसन्द आया। हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकारों का ‘‘लूर’’ नृत्य भी लागों ने बहुत पसंद किया। पटियाला के कलाकारों की प्रस्तुति ’’भांगडा’’ लोगों को बहुत पसन्द आया, जोधपुर के कलाकारों ने अपना ‘‘कालबेलिया’’ नृत्य प्रस्तुत किया जिसे जनता ने बहुत पसन्द किया, गॉधीनगर के कलाकारों द्वारा ‘‘गरबी नृत्य’’ , चुरू के कलाकारों द्वारा ‘‘चंग नृत्य’’ प्रस्तुती देख कर दर्शक झूम उठे, बॉरा के कलाकारों द्वारा ‘‘चकरी नृत्य’’ एवं भरतपुर के कलाकारो द्वारा ‘‘मयूर नृत्य’’ ने लोगों को बहुत आनन्दित किया। अन्त में मणिपुर के कलाकारों द्वारा ‘‘ढोल,ढोलक,चोलम नृत्य’’ के साथ भारतीय लोक कला मण्डल के लोका
भारतीय लोक कला मण्डल के 66वें स्थापना दिवस के दूसरा दिन भी रंगारग प्रस्तुतियॉं, दी परफोरमर्स संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई। कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन समार व मानद सचिव, रियाज तहसीन, तनेराज सिंह सोढा एवं डॉ. लईक हुसैन ने संस्थापक पदमश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के बाद कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
कार्यकम की प्रस्तुतियों में जोधपुर के जाने माने कलाकार मुबारीक खान एवं पार्टी का ‘‘लंगा’’ गायन प्रस्तुत हुआ। उसके बाद तेलंगाना के पारम्परिक लोक कलाकारों द्वारा ‘‘लम्बाडी नृत्य’’ की प्रस्तुति को दर्शको कीे खूब तालियॉं मिली। अहमदाबाद के राधिका ग्रुप द्वारा ‘‘होली नृत्य’’ की भी आकर्षक प्रस्तुति हुई, अलवर के उमर फारूख के ‘‘भपंग वादन’’ ने दर्शकों का मन मोहा, बालोतरा के कलाकारों द्वारा लाल ऑंगी गैर नृत्य भी आम जनता को बहुत पसन्द आया। हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकारों का ‘‘लूर’’ नृत्य भी लागों ने बहुत पसंद किया। पटियाला के कलाकारों की प्रस्तुति ’’भांगडा’’ लोगों को बहुत पसन्द आया, जोधपुर के कलाकारों ने अपना ‘‘कालबेलिया’’ नृत्य प्रस्तुत किया जिसे जनता ने बहुत पसन्द किया, गॉधीनगर के कलाकारों द्वारा ‘‘गरबी नृत्य’’ , चुरू के कलाकारों द्वारा ‘‘चंग नृत्य’’ प्रस्तुती देख कर दर्शक झूम उठे, बॉरा के कलाकारों द्वारा ‘‘चकरी नृत्य’’ एवं भरतपुर के कलाकारो द्वारा ‘‘मयूर नृत्य’’ ने लोगों को बहुत आनन्दित किया। अन्त में मणिपुर के कलाकारों द्वारा ‘‘ढोल,ढोलक,चोलम नृत्य’’ के साथ भारतीय लोक कला मण्डल के लोकानुरंजन मेले का दुसरे दिन के कार्यक्रमो का समापन हुआ।
अन्त में संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर ने धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया एवं बताया कि मेले मे तीसरे दिन भी रंगारंग प्रस्तुतियो का दौर जारी रहेगा एवं शिल्प-क्राफ्ट हाट मेला भी 2 मार्च तक चलता रहेगा।
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