वाणिज्यिक कर विभाग की संभाग स्तरीय कार्यशाला संपन्न


वाणिज्यिक कर विभाग की संभाग स्तरीय कार्यशाला संपन्न

वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा उदयपुर में हरिश्चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओ.टी.सी.) में संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय वाणिज्यिक कर विभाग में नवीन ई-सेवाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना एवं बजट 2014-15 में विभागीय नियमों में नवीन परिवर्तन पर विचार विमर्श रहा।

 

वाणिज्यिक कर विभाग की संभाग स्तरीय कार्यशाला संपन्न

वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा उदयपुर में हरिश्चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओ.टी.सी.) में संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय वाणिज्यिक कर विभाग में नवीन ई-सेवाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना एवं बजट 2014-15 में विभागीय नियमों में नवीन परिवर्तन पर विचार विमर्श रहा।

यह कार्यक्रम राज्य कर अकादमी, राजस्थान-जयपुर के तत्वाधान में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त वैभव गालरिया द्वारा की गई जबकि कार्यक्रम के संयोजक राज्य कर अकादमी के निदेशक पद्मेश तैलंग रहे। कार्यक्रम में संभाग के विभिन्न व्यापार मण्डलों के सदस्य एवं उदयपुर संभाग वाणिज्यिक कर विभाग में कार्यरत अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में चैम्बर ऑफ कॉमर्स, टैक्स बार एसोसियेशन, उदयपुर, मार्बल एसोसियेशन, रेडिमेड एवं वस्त्र व्यापार एसोसियेशन, व्यापार मण्डल, बॉसवाड़ा, डूंगरपुर एवं उदयपुर से आये प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में विस्तृत चर्चा की।

कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन उपायुक्त (प्रशासन), उदयपुर प्रज्ञा केवलरमानी ने दिया जबकि हेमन्त जैन, सहायक आयुक्त द्वारा बजट 2014-15 में नवीन परिवर्तन पर प्रकाश डाला। इस दौरान सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी मनीष बक्षी द्वारा विभाग की नवीन ई-सेवाओं पर चर्चा की। कार्यशाला का समापन सहायक आयुक्त रजनीकान्त पंड्या धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

चर्चा के साथ आमंत्रित किए सुझाव:

कार्यशाला में विभाग की कार्यप्रणाली एवं ई-गवर्नेन्स के परिणामस्वरूप व्यवहारियों के सम्मुख आने वाली व्यवहारिक एवं तकनीकी समस्याओं पर आयुक्त द्वारा सुझाव आमंत्रित किए गए। विभाग में नवीन नियमों में प्रमुख समस्या इनपुट टैक्स के क्रेडिट संबंधी समायोजन की प्रक्रिया की रही।

इसके अतिरिक्त ऑन लाईन बिजनैस से प्रभावित होने वाले पारंपरिक व्यापार पर वाणिज्यिक कर विभाग की प्रभावी कार्यवाही की भी समस्त व्यवसायिक संगठनो ने मांग उठाई। संभाग के हेण्ड़ीक्राफ्ट व्यवसायियों पर इसी बजट से वैट देयता का आरोपण का भी एसोसियेशन स्तर पर विरोध प्रकट किया एवं आयुक्त से इस व्यवसाय को पूर्व की तरह करमुक्त करवाने हेतु राज्य सरकार से सिफारिश हेतु ज्ञापन पेश किया गया।

कार्यशाला में ई-गवर्नेन्स संबंधी तकनीकी समस्याओ को संभाग के विभिन्न संगठनो द्वारा उठाया गया आयुक्त ने विभाग की ओर से इन समस्याओ को तकनीकी मदद से निस्तारण करने का आश्वासन दिया। विभाग द्वारा इसी बजट से, देरी से संदाय की गई कर राशि पर चक्रवर्ती ब्याज के अरोपण से संभावित परेशानी पर विशद चर्चा की गई।

प्रवेश कर में छूट की सिफारिश:

कार्यशाला के माध्यम से स्पन यार्न, लेमिनेटेड़ फेब्रिक, डाईज़ केमीकल जैसे कई उत्पाद जिनका राजस्थान राज्य में उत्पादन नहीं होता है, ऐसे कच्चे माल को विनिर्माता द्वारा राज्य के बाहर से विनिर्माण में प्रयुक्त करने के आशय से आयात करने पर राज्य सरकार द्वारा आरोपित प्रवेश कर में छूट प्रदान करने की भी सिफारिश की गई।

जिला स्तर पर भी आयोजन का अनुरोध

कार्यशाला के माध्यम से वाणिज्यिक कर विभाग व व्यवहारियों में हुये अनौपचारिक संवाद द्वारा शंका समाधान के इस कदम को उपस्थित व्यवसायिक संगठनों, बार एसोसियेशन सदस्यों द्वारा एवं चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत योग्य बताते हुए जिला स्तर पर भी ऐसे कार्यक्रम के अनुकरण हेतु अनुरोध किया गया।

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