ऐग्रो प्रोसेसिंग से उद्यमिता विकास पर मॉडल ट्रेनिंग कार्यक्रम का समापन
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा प्रायोजित 8 दिवसीय मॉडल ट्रेनिंग कोर्स “एग्रो प्रोसेसिंग से उद्यमिता विकास” विषय पर आज दिनांक 25.11.2015 को सम्पन्न हुआ।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा प्रायोजित 8 दिवसीय मॉडल ट्रेनिंग कोर्स “एग्रो प्रोसेसिंग से उद्यमिता विकास” विषय पर आज दिनांक 25.11.2015 को सम्पन्न हुआ।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. पी. के. दशोरा, कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिक वि. वि. उदयपुर ने बताया कि देश में द्वितीय हरित क्रांति अब खाद्य प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन से ही होगी एवं प्रसंस्करण द्वारा ही गाँवो में रोजगार सृजन कार्य को बढावा मिलेगा।
उन्होने विष्वास जताया कि इस प्रशिक्षण के प्रतिभागी, प्रशिक्षण का भरपूर फायदा उठायेंगें व अपने राज्य में जाकर वहां नवीन कृषि तकनीकों का प्रयोग करेंगें। डॉ. दशोरा ने कहा कि भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार एवं विश्वविद्यालय भी कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
कार्यक्रम से पूर्व, कुलपति डॉ॰ पी.के. दशोरा जी ने पी एच टी केन्द्र के शोध अभियन्ता डा. वी.डी. मुदगल द्वारा विकसित की गई लहसुन छिलाई मशीन का उद्घाटन किया। इस मशीन से एक घण्टे में 8 से 10 किलो ग्राम लहसुन की कलियों को छीला जा सकता है। इस मशीन की लागत मुल्य 60,000 रूपये है।
कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि अनुसंधान निदेशक डॉ. जी. एस. आमेटा ने कहा कि देष के कृषि विकास के लिये एग्रो प्रोसेसिंग आज की महत्ती जरुरत है अतः इस हेतु उन्नत तकनीकी एवं मशीनों को किसान काम में लेंगे तो उनकी आय में सुनिश्चित वृद्धि हो पायेगी।
डॉ. बी. पी. नन्दवाना, अधिष्ठाता, सी.टी.ए.ई. ने बताया कि किसानो, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं उद्यमियो के लिए महाविद्यालय में निशुल्क प्रशिक्षण कराया जा सकता है। उन्होने विभिन्न फसलों एवं फल तथा सब्जियों की कटाई उपरान्त होने वाली क्षति के बारे में बताते हुए कहा कि इस क्षति को रोकना बहुत जरूरी है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम निदेशक डॉ. वी. डी. मुद्गल ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुऐ बताया कि प्रशिक्षण दौरान विभिन्न फसलों जैसे मक्का, सोयाबीन, दाल, फल, सब्जी, अदरक, हल्दी, लहसुन, औषधीय पौधे, एलोवेरा, महुआ, मशरुम, आम, सीताफल, आंवला, टमाटर, मिर्च इत्यादि आधारित एग्रो प्रोसेसिंग इकाई/मॉडल्स की जानकार विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा दी गयी।
प्रशिक्षणार्थियों ने अपना अनुभव साझा करते हुऐ बताया की सुगम प्रशिक्षण विधि के द्वारा पिछले 8 दिनों में उन्हें बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध हुई हैं। जम्मू से आये श्री देवी दत्त भगत ने बताया की मेरे 35 वर्षो के सेवाकाल में इस तरह का सुव्यवस्थित एवं सुचारू प्रशिक्षण शिविर पहली बार मिला है। हरियाणा से आये प्रशिक्षणार्थी ने बताया की हमें इस प्रशिक्षण के दौरान मक्का, प्रशन्सकरण, लहसुन, अदरक एवं हल्दी प्रसन्सकरण के बारे में काफी अच्छी जानकारी मिली जिसे हम हमारे क्षेत्रों के किसानों को बता कर उन्हें लाभान्वित करेगें।
विभाग के डा. एन के जैन, ने कार्यक्रम के अन्त में माननीय अतिथियों एवं प्रतिभागीयों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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