स्वरुप सागर पाल की दुर्दशा पर चिंता


स्वरुप सागर पाल की दुर्दशा पर चिंता

स्वरुप सागर की पाल पर पनप रहे पेड़ो से झील के पानी का रिसाव से पाल को आसन्न खतरे पर चिंता व्यक्त की गयी। डॉ अनिल मेहता ने कहा कि स्वरूप सागर की दीवार की मज़बूती का आंकलन किया जाना जरूरी है।

 
स्वरुप सागर पाल की दुर्दशा पर चिंता
पिछोला के अमरकुंड एवं हनुमान घाट पर झील मित्र संस्थान ,झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वाधान में  श्रमदान कर झील क्षेत्र से घरेलू सामग्री व कपड़े,कोल्ड ड्रिंक, पानी व शराब की बोतले, मालाये, नारियल, पॉलीथिन व भारी मात्रा में जलीय खरपतवार निकाली।
श्रमदान में मोहन सिंह चौहान, रमेश चंद्र राजपूत, विजय मारू, राम प्रताप जेठी, दीपेश स्वर्णकार, रामलाल गेहलोत, तेज शंकर पालीवाल व नन्दकिशोर शर्मा ने भाग लिया।
स्वरुप सागर पाल की दुर्दशा पर चिंता
श्रमदान पश्चात आयोजित संवाद में स्वरुप सागर की पाल पर पनप रहे पेड़ो से झील के पानी का रिसाव से पाल को आसन्न खतरे पर चिंता व्यक्त की गयी। डॉ अनिल मेहता ने कहा कि स्वरूप सागर की दीवार की मज़बूती का आंकलन किया जाना जरूरी है। झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेज शकर पालीवाल ने कहा कि पूरी स्वरूप सागर की पाल का तकनीकी मुआयना तत्काल किया जाना चाहिए। नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि स्वरूप सागर की पाल पर मीट मार्किट की तरफ पनप रहे पेड़ो से पानी का रिसाव बढ़ा है।जिससे पाल को खतरा हो सकता है।

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