लायन्स क्लब रीजन-6 की काॅन्फ्रेन्स उमंग-2018 आयोजित
कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति परमेन्द्र दशोरा ने कहा कि सेवा करना कोई बाध्यकारी नहीं है उसे करने के लिये मन का तालमेल आवश्यक है। इसे हम मन से स्वीकार करेंगे तो उस सेवा की सार्थकता सिद्ध होगी। वे रविवार को लायंस क्लब संभाग-6 के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अतिथिगृह में आयोजित संभागीय अधिवेशन उमंग 2018 को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति परमेन्द्र दशोरा ने कहा कि सेवा करना कोई बाध्यकारी नहीं है उसे करने के लिये मन का तालमेल आवश्यक है। इसे हम मन से स्वीकार करेंगे तो उस सेवा की सार्थकता सिद्ध होगी। वे रविवार को लायंस क्लब संभाग-6 के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अतिथिगृह में आयोजित संभागीय अधिवेशन उमंग 2018 को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सेवा के क्षेत्र में कार्यकर्ता सेवादार दोनों बहुत बढ़े है। जीवन में जितनी आवश्यकता है उतना उपभोग कर बाकी समाज को वापस लौटा देना चाहिये। प्रोडक्ट, मनी, नॉलेज चाहे कोई भी हो। प्राप्ति कितनी भी अधिक हो, उसे समाज की संपत्ति माननी होगी। शेर की तरह जीवन जीना आसान नही है। आने वाली पीढ़ी की चिंता में हम अपना व्यर्थ करते जा रहे है। ऐसे में ये ध्यान रखें कि पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय। जब यह भाव संकल्प बन जाता है तो सेवा स्वतः प्रारम्भ हो जाती है। संकल्प बना रहे इसके लिए संयम आवश्यक है। किसी आदर्श व्यक्ति का अनुकरण करेंगे तो संयम आएगा। बाहर कहीं नही, अपने माता पिता, दादा दादी, नाना नानी को ही देख लें तो बाहर कहीं देखने नही जाना पड़ेगा।
लायंस सिर्फ दो शब्दों फैलोशिप और सर्वे को लेकर काम कर रहा है। सेवा और भ्रातृत्व भाव को ध्यान में रखकर काम करना सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार बनाता है। सेवा क्या है! यह एक प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। सेवारत, सेवानिवृत्त आदि जिस तरह यानी सेवा देकर कुछ पैसे प्राप्त करना, नही।
संभागीय अध्यक्ष नरेश माहेश्वरी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस वर्ष लायंस ने प्रांत में 25000 जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा क्षेत्र में सेवाएं दी जा चुकी हैं। 1500 लोगों की आंखों के ऑपरेशन करवाये गए। 10000 लोगों को काढ़ा वितरण किया गया। साथ ही उन्होंने संभाग में हुए विभिन्न सेवा कार्यों की जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रांतपाल बी.वी. माहेश्वरी ने कहा कि हमें लायनवाद में अपनी ख़ुशी को ढूढंना होगा। लायंस की सेवा प्रक्रिया के अनुसार ऊपर से नीचे तक सभी लोगों को सेवा का लाभ मिलता है। अब हमें डायबिटीज के लिए काम करना है। इसके लिए जो हो सके, काम करना है। क्योंकि आने वाली सेंचुरी में यह बीमारी भयावह रूप ले लेगी। साथ ही युवाओं और महिलाओं को भी आगे लाना है।
पूर्व प्रांतपाल सुरेश गोयल ने रीजन द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करते हुए प्रेरक उदबोधन दिया। होटल में टिप देते हैं लेकिन पॉलिश वाले को 10 रुपये नही देते। सड़क पर गरीब से मोलभाव करते हैं लेकिन स्टोर पर बिना देखे पेमेंट करते हैं। यह लायनवाद नही है। लायन होना जीवन जीने की एक कला है। इस अवसर पर रीजन द्वारा प्रकाशित पत्रिका का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। समारोह में जोन चेयरमैन अजय मोर, जितेंद्र चित्तौड़ा और केजी मूंदड़ा ने अपने अपने जोन में हुए सेवा कार्यक्रमों की जानकारी दी। इसके बाद रीजन के सभी क्लबों ने क्रमशः बैनर प्रजेंटेशन दिया।
लायन्स क्लब एकलिंगजी के अध्यक्ष राजेंद्र सनाढ्य ने स्वागत उदबोधन में आयोजन की जिम्मेदारी क्लब को देने के लिए संभागीय अध्यक्ष नरेश माहेश्वरी का आभार जताया।
सेवा सहयोगी हुए सम्मानित- वर्ष पर्यन्त रीजन को विभिन्न क्षेत्रो में सेवा के जरिये सहयोग करने वाले सेवा सहयोगियों जोन चेयरमैन अजय मोर, जितेंद्र चित्तौड़ा, केजी मूंदड़ा, प्रवीण आंचलिया, महेश कसेरा, तरुण भंडारी, अजय सेठी, एसएस मेहता, लोकेश वानावत, राजेन्द्र सनाढ्य, एसएस मेहता-आशा मेहता, केजी मूंदड़ा-अरुणा मूंदड़ा को सम्मानित किया गया। तत्पश्चात क्लब और लायनेस क्लब को श्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंसूर अली, सकीना चक्कीवाला, ओपी चपलोत, कमलेश-भगवती आदि का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम संयोजक सुरेंद्र मोगरा थे। शुभा सुराणा ने नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। अतिथि परिचय ओम कुमावत ने दिया। रेणु बांठिया के शिव भजन सत्यम, शिवम, सुंदरम से कार्यक्रम का आरंभ हुआ।
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