विश्वविद्यालयीय पाठ्यक्रमों में निरंतर बदलाव जरूरी – प्रो. कांटावाला


विश्वविद्यालयीय पाठ्यक्रमों में निरंतर बदलाव जरूरी – प्रो. कांटावाला

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के लेखांकन एवं सांख्यिकी विभाग तथा भारतीय लेखांकन परिषद उदयपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में लेखांकन में समसामयिक मुद्दों पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार शनिवार को विज्ञान महाविद्यालय के विवेकानंद हॉल सम्पन्न हुआ।

 
विश्वविद्यालयीय पाठ्यक्रमों में निरंतर बदलाव जरूरी – प्रो. कांटावाला

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के लेखांकन एवं सांख्यिकी विभाग तथा भारतीय लेखांकन परिषद उदयपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में लेखांकन में समसामयिक मुद्दों पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार शनिवार को विज्ञान महाविद्यालय के विवेकानंद हॉल सम्पन्न हुआ।

समारोह के अध्यक्ष जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बी.पी. भटनागर  थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों तथा शोधार्थियों को अपने पेशे के प्रति ईमानदार रहना चाहिए और मूल अनुसंधान पर ध्यान देना चाहिए।

मुख्य वक्ता एम.एस. विश्वविद्यालय बड़ौदरा की प्रो. अमिता एस. कांटावाला ने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में समसामयिक मुद्दों का समावेश होना चाहिए और निरन्तर पाठ्यक्रम में बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यष्टि कर को कार्बन कर से प्रतिस्थापन किया जा सकता है जिससे लगभग साढ़े तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा किंतु यह एक अनुसंधान का विषय है।

स्वागत भाषण लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. सी.एम. जैन ने दिया। सेमीनार सचिव डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत ने दो दिवसीय सेमीनार का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि चार तकनीकी सत्रों में कुल 45 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। दो दिवसीय इस सेमीनार में राजस्थान सहित महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश आदि स्थानों से 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

विश्वविद्यालयीय पाठ्यक्रमों में निरंतर बदलाव जरूरी – प्रो. कांटावाला

समारोह में सर्वश्रेष्ठ पत्र पुरस्कार संकाय में जयपुर के डॉ. आर. के. टेलर, सुरेन्द्र गोयल तथा डॉ. शिल्पा वर्डिया को प्रदान किया गया। श्रेष्ठ पत्र पुरस्कार डॉ. भूपेश लौहार व प्रो. जी. सोरल, मोनिका अरोड़ा, प्रो. जी.एस. भल्ला, नवनीत शर्मा, पारूल दशोरा व प्रो. सी.एम. जैन, पूजा कौर व मीनू माहेश्वरी, डॉ. शूरवीरसिंह भाणावत, डॉ. यशवंत बोरकड़े को दिया गया। विद्यार्थियों में सर्वश्रेष्ठ पत्र का पुरसकार भरत सोनी, सुधर्म जैन तथा हितेश गोस्वामी को प्रदान किया गया। समारोह का संचालन मोनिका सोनी ने किया जबकि सेमीनार निर्देशक प्रो. जी. सोरल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

समापन समारोह से पूर्व दो तकनीकी सत्र लेखांकन में उभरते समसामयिक मुद्दे पर आयोजित किए गए। इनकी अध्यक्षता एम.एस. विश्वविद्यालय बड़ौदरा की  प्रो. अमिता एस. कांटावाला ने की। समन्वयक डॉ. विजय लक्ष्मी परमार थी। इन तकनीकी सत्रों में कार्बन कर, लेखांकन में नैतिकता, राजकीय घोटाले में लेखांकन की भूमिका, क्लाउड कम्प्यूटिंग लेखांकन आदि विषयों पर उविशद चर्चा की गई। इस सत्र के प्रतिवेदन डॉ. शिल्पा वर्डिया व डॉ. भूपेश लौहार थे।

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