काउंट डाउन: शिल्पग्राम महोत्सव 2012 की तैयारियां
पशिचम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के शिल्पग्राम प्रागंण में 21 दिसम्बर से आयोजित होने वाले दस दिवसीय महोत्सव को लेकर कलाकारो द्धारा अपनी कला और प्रदर्शनी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। महोत्सव को लेकर यहाँ बनी हुर्इ झोपड़ियों के बाहर महिलाओ द्धारा पारम्परीक माडंने माडं कर इसे आकर्षित बनाया जा रहा है।
पशिचम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के शिल्पग्राम प्रागंण में 21 दिसम्बर से आयोजित होने वाले दस दिवसीय महोत्सव को लेकर कलाकारो द्धारा अपनी कला और प्रदर्शनी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। महोत्सव को लेकर यहाँ बनी हुर्इ झोपड़ियों के बाहर महिलाओ द्धारा पारम्परीक माडंने माडं कर इसे आकर्षित बनाया जा रहा है।
इसके साथ शिल्पग्राम में प्रस्तुती देने वाले कलाकार भी पुर्वाभ्यास में जुटे हुए है। शिल्पग्राम में सभी कलाकार तैयारियां करते नजर आ रहै है जिसमे राजस्थान के पापारंपरिक नृत्यो के साथ गुजरात के लोक कलाकार भी मौजूद है। शिल्पग्राम में कठपुतली कार्यक्रम मचंन के साथ साथ कालबेलीया नृत्य,चवंरी नृत्य, गवरी,घुमर तथा लांगा कलाकारो द्धारा तैयारीया की जा रही है। वही कार्यक्रम मे भाग लेने वाली महिलाए भी हाथो में मेहदीं राचते नजर आर्इ ।
महोत्सव को शुरू होने में अभी एक दिन शेष है इसके साथ यहां पर्यटको का आना भी शुरू हो गया है देशी विदेशी पर्यटक कलाकारो के साथ फोटो खिचवाने को लेकर बड़े उत्साहित नज़र आये। शिल्प ग्राम में यूं तो कर्इ दुकाने लगी है पर उदयपुर के ही रहने वाले सदाकत हुसैनी रहमीनी द्धारा बनार्इ 10 ग्राम की मोजडी चर्चा का विषय रही है । इनके द्धारा गेंहू के आकर की मोजडी भी तैयार की गर्इ है जिसे महाराणा सज्जन सिहं अवार्ड के लिए भेजा गया है। अवार्ड मिलने के बाद रहमानी का सपना गिनीज बुक में रिकार्ड बनाने का है।
गुजरात से आए कलाकारो द्धारा होली नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमे टीम के एक कलाकार जगन ने बताया कि करीब 25 सालो से हम शिल्पग्राम महोत्सव मे भाग ले रहे है व उदयपुर को हम हर बार कुछ नया बताते है । साथ ही इस नृत्य में 18 महिला व पुरूष भाग लेते है। जगन ने बताया कि यह जो कला है हम सरकार के द्धारा देश के विभिन्न अचंलो मे प्रदशित करते है पर हमारा दुर्भाग्य यह है कि हम इसे अपने राज्य गुजरात मे नही बता पाते है।
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