लोककला मण्डल में लोकानुरंजन मेले के साथ शिल्प मेला रहेगा आकर्षण का केन्द्र


लोककला मण्डल में लोकानुरंजन मेले के साथ शिल्प मेला रहेगा आकर्षण का केन्द्र

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के 68वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित लोकानुरंजन मेला, 15 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं शिल्प मेले का शुभारंभ शुक्रवार 22 फरवरी से होगा।

 

लोककला मण्डल में लोकानुरंजन मेले के साथ शिल्प मेला रहेगा आकर्षण का केन्द्र

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के 68वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित लोकानुरंजन मेला, 15 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं शिल्प मेले का शुभारंभ शुक्रवार 22 फरवरी से होगा।

संस्था के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि वर्ष 1952 में स्व. पद्मश्री देवीलाल सामर द्वारा स्थापित भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के 68 वें स्थापना दिवस पर 22 फरवरी से 24 फरवरी तक लोकानुरंजन मेला, 25 फरवरी से 2 मार्च तक दि परफोरमर्स उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में 15वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं 22 फरवरी से 2 मार्च तक शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है।

संस्था के निदेशक डाॅ लईक हुसैन ने बताया कि लोकानुरंजन मेले में प्रतिदिन बाडमेर जिले का लंगा दल, जोधपुर का कालबेलिया, उपलागढ़ का गरासिया, बालोतरा का लाल आंगी गैर, बारां का चकरी, हरियाण का फाग, घूमर, उत्तराखण्ड का वीर नृत्य, पांडव, जुमौलों, तेलंगाना का वोगू डोलु एवं गुसाड़ी, मथुरा का मयूर नृत्य, मध्यप्रदेश का बधाई, महाराष्ट्र का लावणी, गोवा धनगरी गजा एवं मूसल खेल आदि लोक नृत्य मेले के मुख्य आकर्षण होंगे।

25 फरवरी को सौरभ अनंत द्वारा निर्देशित नाटक हास्यचूड़ामणि, 26 को चित्रा मोहन द्वारा निर्देशित नाटक मच-मच गाड़ी, 27 को प्रिवेन्द्र सिंह द्वारा निर्देशित नाटक शापग्रस्त, 28 को चित्रा मोहन द्वारा निर्देशित नाटक रिफलेक्शन अननोन, 1 मार्च को अशोक बांठिया द्वारा निर्देशित नाटक कृष्णा व 02 मार्च को सोनू रांझिया द्वारा निर्देशित नाटक डाॅ. आप भीे का मंचन होगा।

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इसी क्रम में शिल्प मेले में आजमगढ़ की बनारसी साड़ी, कोटा की कोटा डोरिया, जयपुर के पत्थरों के आभूषण, आसाम की शिल्प, पंजाब की जूतियां, भोपाल के लकड़ी के खिलौने, पश्चिम बंगाल के बम्बू और ड्राय फ्लावर, आकोला की ब्लाॅक प्रिण्ट, मोलेला की मिट्टी की कारीगरी (राजसमंद) एवं अन्य प्रांतो से आने वाली शिल्प वस्तुएँ मेले का मुख्य आकर्षण रहेगी। साथ ही भारत सरकार के आदिवासी सहकारी बाज़ार विकास संघ (ट्राईफेड) द्वारा भी इस शिल्प मेले में 10 स्टाॅल्स लगाई जाएगी ।

मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि ये आयोजन कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरात्तव विभाग राजस्थान सरकार, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर, भाषा एवं संस्कृति विभाग तेलंगाना सरकार, हरियाणा कला परिषद् चण्डीगढ़, कला एवं संस्कृति विभाग गोवा, उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद, दक्षिणी मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर, त्रिवेणी उदयपुर एवं दि परफोरमर्स उदयपुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है । इन आयोजनों के दौरान आमजनों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

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