सीटीएई के नारायणलाल गुर्जर ने दिल्ली में लहराया इनोवेशन का परचम
सीटीएई में अध्ययनरत कृषि अभियांत्रिकी द्वितीय वर्ष के छात्र नारायणलाल गुर्जर, अंकित जैन (प्रथम वर्ष), शशिप्रताप (द्वितीय वर्ष) ने दिल्ली में आयोजित इंडियन इनोवेशन इनशियेटिव में 10 में से 7 पुरूस्कार जीत कर राजस्थान का नाम रोशन किया है। सीटीएई के अधिष्ठाता डाॅ. एस.एस. राठौड़ ने बताया की यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, कनफिडरशन आॅफ इंडियन इन्डस्ट्री एवं विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से नई दिल्ली में आयोजित की गयी थी
सीटीएई में अध्ययनरत कृषि अभियांत्रिकी द्वितीय वर्ष के छात्र नारायणलाल गुर्जर, अंकित जैन (प्रथम वर्ष), शशिप्रताप (द्वितीय वर्ष) ने दिल्ली में आयोजित इंडियन इनोवेशन इनशियेटिव में 10 में से 7 पुरूस्कार जीत कर राजस्थान का नाम रोशन किया है। सीटीएई के अधिष्ठाता डाॅ. एस.एस. राठौड़ ने बताया की यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, कनफिडरशन आॅफ इंडियन इन्डस्ट्री एवं विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से नई दिल्ली में आयोजित की गयी थी
सीटीएई के इनक्युबेशन सेंटर के समन्वयक डाॅ. एस.एम. माथुर ने बताया कि नारायण लाल गुर्जर की टीम इको फ्रेन्डली वाटर रिटेनशन पाॅलीमर प्रोजेक्ट पर पिछले एक साल से सीटीएई के इन्क्युबेशन सेंटर में कार्य कर रही थी। इस दौरान इस टीम के द्वारा एक पाउडर बनाया गया जिसमें वेस्ट पदार्थो का प्रयोग किया जो ज्युस इन्डस्ट्री से निकलते है। इस पाउडर की खासियत यह है की इसे पेड़ोमें डालने पर यह 20 दिनों तक जमीन में नमी बनाया रखता है साथ ही उसका उत्पादन क्षमता बढ़ाता है। यह भारत में बनाया गया अकेला अनोखा कमाउण्ड हे।
डाॅ. माथुर ने बताया कि नारायण लाल गुर्जर की टीम ने एआईसीटीई द्वारा दिया जाने वाला मोस्ट इनोवेटिव विद्यार्थी को दिया जाने वाला 1 लाख रूपये का नकद पुरूस्कार जीता है। इसी तरह नारायणलाल को कनिफडरेशन आॅफ इन्डियन इंडस्ट्री द्वारा रूपये 30000/- का नकद पुरूस्कर भी दिया गया है। इसके अतिरिक्त नारायण लाल एवं उसकी टीम को 13 केएलयू द्वारा बेस्ट इन्नोवेटर अवार्ड एवं बेस्ट स्टार्ट अप अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।
डाॅ. माथर ने बताया कि नारायण लाल एवं टीम को हाल ही में ढाई लाख रूपये की डी.एस.टी. द्वारा इस कमाउण्ड को व्यवसायिक स्तर पर बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी गई है एवं सीटीएई द्वारा उन्हें हर तरह की सहायता प्रदान की जा रही है। ताकि इस आविष्कार को किसानों तक पहॅुचाया जा सके एवं कम से कम पानी में अधिक अधिक खेती की जा सके । एम पी यू ए टी के कुलपति प्रौफेसर उमाशंकर शर्मा ने इस अवसर पर विद्यार्थियों एवं सी टी ए ई परिवार को बहुत बहुत बधाई दी।
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