उदयपुर - राजस्थान के उदयपुर शहर के खेरवाड़ा क्षेत्र निवासी हितेंद्र गरासिया रोजगार के लिए एजेंट के ज़रिये रूस में नौकरी करने चला गया था। 17 जुलाई 2021 को हितेंद्र गरासिया की रूस में आकस्मिक मौत हो गयी थी। 17 अगस्त 2021 को रूस दूतावास ने मृतक के परिजनों को मौत की सूचना दी थी।
मृतक के परिजनों ने 17 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और 31 अक्टूबर 2021 को विदेश मंत्रालय को शिकायत कर शव को भारत लाने की मांग कर रहे है। देह वापस लाने को लेकर मृतक के परिवार ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की प्रस्तावित भारत यात्रा के दौरान उनका विरोध करने ओर उनके सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद रविवार को रूस के दूतावास ने रूस सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से मृतक की पत्नी आशा देवी के नाम पत्र जारी कर हितेंद्र की मौत पर दुख जताया।
यह पत्र रशियन सरकार की ओर से काउंसलर मंत्री और डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने मृतक हितेंद्र की पत्नी आशा देवी को आधिकारिक पत्र सौंपा। वहीं भारतीय नागरिक की मृत्यु के 145 दिन बाद पहली बार रशियन सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई, इस मामले को लेकर रशियन सरकार ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमें कोई आपत्ति नहीं है। इस मामले में मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को निर्धारित कार्यवाही करनी है। इस मामले को करीब साढ़े चार महीने हो गए है लेकिन जवाबी कागज़ी कार्यवाही नहीं हो रही है। लेकिन इस कठिन समय में परिजनों के होंसले डगमगाए नहीं उन्होंने भी ठान रखी है की शव को अपने वतन लाएंगे। मृतक के परिजन बुधवार को रशियन दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। परिजनों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रूस के राजदूत के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
6 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर भारत के परिजनों द्वारा आत्मदाह की चेतावनी दी गयी थी जिसके बाद रशियन दूतावास के अधिकारियो ने शनिवार को मृतक के परिवारजनों को लिए रशियन दूतावास केंद्र बुलाया। वार्ता के दौरान हितेंद्र गरासिया की पत्नी और दोनों बच्चे मौजूद थे। हितेंद्र के परिवार द्वारा किये गए धरना प्रदर्शन का आज पांचवा दिन है। रशियन अधिकारियों ने कहा कि हितेंद्र गरासिया के शव को भेजने की कार्यवाही भारत सरकार विदेश मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले रूस स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से की जानी है। मौत के बाद दूसरे देशों के नागरिकों के शव को वहां रखने में रशियन सरकार की कोई भूमिका नहीं है। शव को भारत लाने की कार्यवाही भारतीय दुतावास को करनी है। वहीं अब मृतक के परिवार को आस है कि भारतीय दूतावास जल्द से जल्द कार्यवाही कर मृतक हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाए ।
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