एक घंटे में तय थी मौत, मौत से जीती जि़ंदगी


एक घंटे में तय थी मौत, मौत से जीती जि़ंदगी

गीतांजली हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ संजय गांधी ने एओर्टिक डिसेक्शन (हृदय की मुख्य धमनी) के 11 घंटे चले हाई रिस्क ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर 60 वर्षीय रोगी को नया जीवन दिया। इस ऑपरेशन में डॉ गांधी व उनकी टीम में डॉ अंकुर गांधी, डॉ कल्पेश मिस्त्री, डॉ मनमोहन जिंदल, डॉ कमलेश भट्ट, डॉ प्रदीप […]

 

एक घंटे में तय थी मौत, मौत से जीती जि़ंदगीगीतांजली हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ संजय गांधी ने एओर्टिक डिसेक्शन (हृदय की मुख्य धमनी) के 11 घंटे चले हाई रिस्क ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर 60 वर्षीय रोगी को नया जीवन दिया। इस ऑपरेशन में डॉ गांधी व उनकी टीम में डॉ अंकुर गांधी, डॉ कल्पेश मिस्त्री, डॉ मनमोहन जिंदल, डॉ कमलेश भट्ट, डॉ प्रदीप हेगडे शामिल थे।

डॉ गांधी ने बताया कि सूर्भगंज आबुरोड़ निवासी 60 वर्षीय रोगी दारमी बाई उच्च रक्तचाप, छाती व पीठ में अधिक दर्द से परेशान थी। वह जब गीतांजली हॉस्पिटल आईं, तब कार्डियोलोजिस्ट डॉ रमेश पटेल ने उनकी ईकोकार्डियोग्राफी की और आईसीयू में भर्ती कर रक्तचाप को सामान्य करने की दवाई शुरू की। इसके पश्चात् सीटी एंजियोग्राम किया गया जिसमें पता चला कि उनके डिसेक्शन एओर्टिक वाल्व से लेकर आर्च तक जा रही है जिसके कारण रक्तप्रवाह सामान्य नही है। इसके पश्चात् कार्डियक सर्जन ने इस हाई रिस्क एओर्टिक डिसेक्शन का बेन्टाल्स ऑपरेशन करना तय किया व 11 घंटे चले इस ऑपरेशन में डॉ गांधी व उनकी टीम ने उच्चतम उपचार द्वारा रोगी को स्वस्थ किया।

उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को करने के लिए 35 मिनट तक मरीज के रक्तप्रवाह को बंद किया गया और दिमाग की नाड़ी का परिक्षण कर एओर्टा के आर्च वाले हिस्से को बदला गया और पुनः रक्त के प्रवाह को चालु किया गया।

क्या है एओर्टा? वह मुख्य धमनी जो हृदय से होकर जाती है व पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह करती है।

क्या है बेन्टाल्स ऑपरेशन? इस ऑपरेशन में एओर्टा को एओर्टिक वाल्व के साथ बदला जाता है व दिल की धमनियों को भी पुनः जोड़ा जाता है।

इस ऑपरेशन में क्या खतरा था? डॉ गाँधी ने बताया कि इस तरह के मामले में सबसे मुश्किल बात रोग का निदान कम समय पर करना जरूरी होता है। यदि निदान सटिक और जल्द ना हो तो रोगी को बचाना नामुमकिन होता है। ऐसे मामले में रोगी के पास मात्र कुछ घंटो का समय होता है जिनमें उसका निदान कर उपचार आरंभ करना अनिवार्य होता है। साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में हर घंटे में 2 प्रतिशत मृत्युदर होती है, इस कारण यह मामला ओर भी ज्यादा हाई रिस्क था।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags