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देबारी टनल केस: रेलवे के उपेक्षापूर्ण रवैये पर कानूनी कार्यवाही के निर्देश

जिला एवं सेशन न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह ने प्रातःअख़बार पढ़ते ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्मिक संतोष कुमार मेनारिया को निर्देश दिये टीम ने जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली तो बडा ही रोचक तथ्य सामने आया कि रेल्वे के कर्मचारी एवं अधिकारीगण ने पीडित व्यक्ति की माॅ को रेल्वे स्टेशन पर यह कहते हुए टिकट वापिस ले लिया की इस टिकट के आधार पर हम तुम्हें रेल्वे से मुआवजा दि

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देबारी टनल केस: रेलवे के उपेक्षापूर्ण रवैये पर कानूनी कार्यवाही के निर्देश

जिला एवं सेशन न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह ने प्रातःअख़बार पढ़ते ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्मिक संतोष कुमार मेनारिया को निर्देश दिये कि पैरालीगल वोलेन्टियर एवं पैनल एडवोकेट की टीम बनाकर देबारी टनल में हादसे के शिकार हुए पीड़ित व्यक्ति से संपर्क कर निः शुल्क कानूनी सहायता एवं पीड़ित प्रतिकर स्कीम की जानकारी प्रदान की जावे।

उक्त आदेश की पालना में संतोष कुमार मेनारिया ने एक टीम बनाई जिसमें पैरालीगल वाॅलेन्टियर विक्रम सिंह भटनागर एवं पैनल अधिवक्ता रीतू मेहता, रिटेनर एडवोकेट संदीप दाधीच को साथ लेकर महाराणा भूपाल चिकित्सालय के वार्ड नम्बर 113, खाट नम्बर 20 पर उपचाररत् जगदीश टेलर व उनके परिजनों से मिले व घटना की पूरी जानकारी ली ।

उक्त टीम ने जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली तो बडा ही रोचक तथ्य सामने आया कि रेल्वे के कर्मचारी एवं अधिकारीगण ने पीडित व्यक्ति की माॅ को रेल्वे स्टेशन पर यह कहते हुए टिकट वापिस ले लिया की इस टिकट के आधार पर हम तुम्हें रेल्वे से मुआवजा दिलवाऐंगें और तुम्हारा ईलाज भी करवाएंगे। तुम किसी तरह का केस मत करना । कर्मचारियों एवं अधिकारीगण द्वारा राजकीय महाराणा भूपाल अस्पताल में आकर कुछ फाईलों एवं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवाए। जब हस्ताक्षर करने के पश्चात् पीडित व्यक्ति के परिवार ने हस्ताक्षरित दस्तावेजों की काॅपी मांगी तो रेल्वे के कर्मचारियों एवं अधिकारीगण ने कहा की आप केस के चक्कर में मत पडना।

उक्त टीम ने पीडित व्यक्ति के परिवारजन को पेनल अधिवक्ता रीतु मेहता ने पीडित प्रतिकर स्कीम 2011 की जानकारी दी एवं निः शुल्क कानूनी सहायता के बारे में बताते हुए एफ.आई.आर. थाना प्रताप नगर, उदयपुर में दर्ज करवाने की आवश्यक तैयारियां पूरी की। रेल्वे के उपेक्षापूर्ण रवेये से एक व्यक्ति जिस पर उसका परिवार आश्रित है वह हमेशा के लिये अपनी आंख खो बैठा है । इस प्रकरण को देवेन्द्र कच्छवाह, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, उदयपुर ने बडी गंभीरता से लिया है ।

इस प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए टीम को देबारी रेल्वे टनल के आसपास भेजा गया । जिस पर यह बात भी सामने आई की वहाॅ पर साईड में हाइवे बनाने के लिये पहाडी को काटा जा रहा है । देबारी टनल के नजदीेक पहाडी पर हिटाची एवं जेसीबी भी चल रही थी ।

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