निम्बार्क महाविद्यालय में वाद-विाद प्रतियोगिता का आयोजन
'स्नातक शिक्षक प्रशिक्षण के लिए द्विवर्षीय पाठ्यक्रम आवश्यक है' विषय पर निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित वाद-विाद प्रतियोगिता के प्रारम्भ की उद्घोषणा करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत ने कहा.
‘स्नातक शिक्षक प्रशिक्षण के लिए द्विवर्षीय पाठ्यक्रम आवश्यक है’ विषय पर निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित वाद-विाद प्रतियोगिता के प्रारम्भ की उद्घोषणा करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत ने कहा.
इस दिशा में मेवाड़ महामण्डलेश्वर महन्त श्री मुरलीमनोहर शरण शास्त्री स्मृति वाद विवाद प्रतियोगिता शिक्षा जगत में मौलिक चिन्तन और आत्ममंथन का अवसर प्रदान करेगी।
इस पहल के लिए निम्बार्क प्रबन्धन को साधुवाद अर्पित करते हुए जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, कुलपति प्रो.सारंगदेवोत ने प्रशिक्षार्थियो, शिक्षकों का आहवान किया कि वे योग्य शिक्षक बन राष्ट्र निर्माण के पुरोधा बनें.
समारोह की विशिष्ट अतिथि में मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय अधिष्ठाता डॉ.साधना कोठारी ने नवीनतम एवं ज्वलन्त विषय को विचारमंथन की पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महन्त श्री मुरलीमनोहर शरण शास्त्री समग्र मेवाड़ के सर्वागीण विकास की धुरी रहे है। उनके भाव, विचार, कार्य, सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेगें. यह आयोजन मुरलीमनोहर शरण शास्त्री की स्मृति में सच्ची श्रद्धांजली है जो विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम निर्धारण समिति के लिए भी सम्प्रेरक बनेगी।
इससे पूर्व प्रारम्भ में निम्बार्क गंगा सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.गोपाल सिह जी राठौड़ ने आत्मविश्वास, सर्वधर्म, समभाव, नानाविषयों का ज्ञान, वाक्चातुर्य आदि विभिन्न गुणों से प्रेरणा लेने का संदेश देते हुए अतिथियों का हार्दिक अभिनन्दन किया। इस अवसर पर निम्बार्क प्राचार्य डॉ.सुरेन्द्र द्विवेदी ने संस्था प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। तथा निम्बार्क गंगा सोसायटी के मंत्री डॉ.राज्यवर्द्धन सिह राय ने निम्बार्क की स्थापना एवं समग्र प्रकल्पों के इतिवृत्तकों प्रस्तुत करते हुए शतसहस्त्रों राष्ट्र समर्पित युवकों के निर्माण को स्मरण किया।
प्रतियोगिता के संयोजक डॉ.हनुमान सहाय शर्मा ने प्रतियोगिता नियमों का विवरण प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता में मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय, जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर एवं पेसिफिक विश्वविद्यालय के 24 महाविद्यालयों के 48 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक तैयारी के साथ अपने तर्क पूर्ण मत प्रस्तुत किये।
निर्णायक पैनल के वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं साहित्यकार प्रो.भगवतीलाल व्यास, प्रो. दामिना चौधरी एवं डॉ. रश्मि बोहरा ने मूल्यांकन किया। प्रतियोगिता में प्रथम – सुरभि श्रीमाली,निम्बार्क कॉलेज , द्वितीय- आंकाक्षा, स्कॉलर एरिना, तृतीय – जगदीश चन्द्र गुर्जर, सान्तवना- नरेश पटेल तथा चल वैजयन्ती अंको के आधार पर निम्बार्क महाविद्यालय विजेता हुआ परन्तु आयोजक संस्था होने के कारण द्वितीय दल स्कॉलर एरिना शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय को प्रदान की गयी.
समस्त प्रतिभागियों को द्वारकाधीश प्रसादी, उत्तरीय स्मृति चिन्ह पुरस्कार राशि एवं 2111, 1511, 1111, एवं 511 तथा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। समारोह के अन्त में प्रतियोगिता संयोजक डॉ. हनुमान सहाय शर्मा ने आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम का संयोजन डॉ.मधु शर्मा ने किया।
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