शहर में फिर उठी गुर्दा प्रत्यारोपण एंव अनुसन्धान केंद्र की मांग


शहर में फिर उठी गुर्दा प्रत्यारोपण एंव अनुसन्धान केंद्र की मांग

उदयपुर शहर में प्रस्तावित गुर्दा प्रत्यारोपण एंव अनुसन्धान केंद्र की स्थापना की मांग को लेकर लेकसिटी किडनी केयर एंड रिलीफ फाउंडेशन की ओर से आज कलेक्ट्री के सामने प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

 
शहर में फिर उठी गुर्दा प्रत्यारोपण एंव अनुसन्धान केंद्र की मांग

उदयपुर शहर में प्रस्तावित गुर्दा प्रत्यारोपण एंव अनुसन्धान केंद्र की स्थापना की मांग को लेकर लेकसिटी किडनी केयर एंड रिलीफ फाउंडेशन की ओर से आज कलेक्ट्री के सामने प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में बताया गया कि, देश में मधुमेह और हाईब्लड प्रेशर सहित कई तरह की बीमारियों दिन-दिन फैलती जा रही है। महाराणा भूपाल चिकीत्सालय के अनुसार, शहर में मधुमेह के 48 हजार मरीज है, वही दक्षिणी राजस्थान में गर्मी अधिक होने की वजह से पानी में क्षारीय तत्व और प्लोराइड की मात्र ज्यादा है, जिससे 40-50 लोगो में पथरी है जो सीधा गुर्दे पर असर करती है। विभाग के आंकड़ों में उदयपुर संभाग में 2012 तक 3412 र्रोगियो को पंजीकृत है, इसी के चलते गुर्दा प्रत्यारोपण इकाई की स्थापना अत्यंत आवश्यक है।

गुर्दा प्रत्यारोपण और अनुसन्धान केंद्र के स्थापना की मांग को लेकर राजनैतिक, गैर राजनैतिक संगठन एंव धार्मिक,सामाजिक और स्वंयसेवी संस्थाओ के द्वारा पिछले 6 साल से अभियान चलाकर इसकी मांग की जा रही है।

वहीँ बड़े शहरों में गुर्दा प्रत्यारोपण का खर्च लगभग 15 लाख रु के लगभग है, अगर यह सुविधा राजकीय चिकित्सालय में शुरू हो जाये तो करीब 90 हजार रु का खर्च आयेगा और आम आदमी को राहत मिलेगी।

गुर्दा रोगियों की प्रमुख मांगे – राजकीय चिकित्सालय में गुर्दा प्रत्यारोपण यूनिट की स्थापना तथा सेटेलाईट चिकित्सालयों में डायलिसिस यूनिट की स्थापना, रोगियों की अधिकता के चलते अस्पताल की सेवाओं का विस्तार करना, गुर्दा रोगियों की दवाओं पर 12 फीसदी टैक्स है, जिसको हटाए जाने की मांग भी की जा रही है।

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