हाईकोर्ट बैंच की मांग-जनआन्दोलन के बाद बनेगा जनप्रतिनिधियों का आन्दोलन
उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की मांग को लेकर सम्पूर्ण मेवाड अंचल में प्रत्येक माह की 7 को हडताल रखकर आन्दोलन किया जा रहा है। इस आन्दोलन को जनआन्दोलन बनाने के साथ अब जनप्रतिनिधियों का आन्दोलन बनाने के क्रम में शनिवार को बी. एन सभागार में उदयपुर अंचल सहित सिरोही तक के जनप्रतिनिधियों को लेकर इस मांग पर उनका समर्थन जूटाया जाएगा।
उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की मांग को लेकर सम्पूर्ण मेवाड अंचल में प्रत्येक माह की 7 को हडताल रखकर आन्दोलन किया जा रहा है। इस आन्दोलन को जनआन्दोलन बनाने के साथ अब जनप्रतिनिधियों का आन्दोलन बनाने के क्रम में शनिवार को बी. एन सभागार में उदयपुर अंचल सहित सिरोही तक के जनप्रतिनिधियों को लेकर इस मांग पर उनका समर्थन जूटाया जाएगा।
मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति, उदयपुर के बैनर तले चलने वाले इस आन्दोलन के दौरान आमजन एवं व्यापारिक, सामाजिक और आर्थिक संगठनों का पूर्ण सहयोग जब&जब मांगा मिला, उसके कारण यह आन्दोलन कई बार जनआन्दोलन भी बना, लेकिन सरकार में काबिना जनप्रतिनिधियों का सहयोग एक साथ नही मिल पाने के कारण यह आन्दोलन जनप्रतिनिधियों का आन्दोलन नहीं बन पाया।
मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति, उदयपुर ने इतने लम्बे समय तक चलने वाले राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की उदयपुर में स्थापना की मांग के आन्दोलन को जनआन्दोलन के साथ जनप्रतिनिधियों का आन्दोलन बनाने तथा राज्य सरकार की इस मांग को लेकर अनुशंषा कराने के लिये उदयपुर सम्भाग के जनप्रतिनिधियों को शनिवार को बी. एन. संस्थान सभागार में आमन्त्रित किया है।
मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति, उदयपुर के संयोजक शान्तिलाल चपलोत ने बताया कि इस सम्मेलन में उदयपुर सभाग के सभी सात जिलों से काबिना मन्त्रियों एवं संसदीय सचिवों, सांसदों, सभी जिलों के विधायकों, जिला प्रमुखों एवं सभी पंचायत समितियों के प्रधानों को उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना की आवश्यकता एवं महत्ता को समझाकर सहयोग एवं समर्थन मांगा जायेगा, ताकि इसके उदयपुर में स्थापित होने के बाद आदिवासियों एवं गरीब वर्ग को सुलभ व सस्ता न्याय मिल सके।
समन्वय समिति के अध्यक्ष रमेश नंदवाना ने बताया कि सम्मेलन के दौरान सभी जनप्रतिनिधियों से इस आन्दोलन में उनकी भूमिका एवं आवश्यक सहयोग के लिये सरकार से वार्ता में उनके योगदान को लेकर समर्थन मांगा जायेगा। दिन भर चलने वाले इस सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों के साथ किये जाने वाले संवाद का एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा। सयोजक रमेश नन्दवाना ने बताया कि इस सम्मेलन के बाद अगले माह में विशाल आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया जाकर उन्हें इस आन्दोलन से जोडा जायेगा।
मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति, उदयपुर के महासचिव शान्तिलाल पामेचा ने बताया कि सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये समिति की ओर से उन्हें व्यक्तिगत पत्र प्रेषित कर तथा फोन पर उनके आगमन को सुनिश्चित किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान आमन्त्रित सदस्य अधिवक्ता मौजूद रहेंगे।
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