‘सखाराम बाइन्डर’’ की प्रस्तुति के साथ देवीलाल सामर नाट्य समारोह का समापन


‘सखाराम बाइन्डर’’ की प्रस्तुति के साथ देवीलाल सामर नाट्य समारोह का समापन

मशहूर मराठी लेखक विजय तेंदुलकर की कलम से लिखा गया ‘‘सखाराम बाइण्डर’’ महज नाटक नही बल्कि समाज की वो घिनौनि तस्वीर है जहॉ पुरूष के लिए वासना ही सबकुछ है और औरत के लिए अपनी भावनाओ को दबाते हुए घुट कर रहना ही जीवन है। सखाराम बाइन्डर समाज के हर उस वर्ग पर प्रहार करता है जहॉ औरत और मर्द का रिश्ता भावनात्मक न होकर, जिस्मानी है, यही सच्चाई शायद दर्शको को आदमी और औरत के रिश्ते पर सोचने के लिए मजबूर कर दे। नाटक में मंच पर भुमिकाओं में जगजीत, प्रदीप, नेहा, माल्विका, गुरिन्दर, सुरिन्दर एवं रमन थे।

 
‘सखाराम बाइन्डर’’ की  प्रस्तुति के साथ देवीलाल सामर नाट्य समारोह का समापन

भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल सामर की स्मृति में छः दिवसीय नाट्य समारोह के अंतिम दिन ‘‘सखाराम बाइण्डर’’ का मंचन हुआ । कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन समार व मानद सचिव, रियाज तहसीन व डॉ लईक हुसैन ने संस्थापक पद्मश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ । संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर एवं मानद सचिव, रियाज तहसीन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल के 66वें स्थापना दिवस पर लोक कला मण्डल व दी परफॉरमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नाट्य समारोह के आज अंतिम दिन नाटक ‘‘सखाराम बाइण्डर’’ प्रसिद्व लेखक विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित एवं उमेशकांत द्वारा निर्देशित, थिएटर लैब, चंडीगढ एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के सहयोग से प्रस्तुति आरंभ हुई।

‘सखाराम बाइन्डर’’ की  प्रस्तुति के साथ देवीलाल सामर नाट्य समारोह का समापन

मशहूर मराठी लेखक विजय तेंदुलकर की कलम से लिखा गया ‘‘सखाराम बाइण्डर’’ महज नाटक नही बल्कि समाज की वो घिनौनि तस्वीर है जहॉ पुरूष के लिए वासना ही सबकुछ है और औरत के लिए अपनी भावनाओ को दबाते हुए घुट कर रहना ही जीवन है। सखाराम बाइन्डर समाज के हर उस वर्ग पर प्रहार करता है जहॉ औरत और मर्द का रिश्ता भावनात्मक न होकर, जिस्मानी है, यही सच्चाई शायद दर्शको को आदमी और औरत के रिश्ते पर सोचने के लिए मजबूर कर दे। नाटक में मंच पर भुमिकाओं में जगजीत, प्रदीप, नेहा, माल्विका, गुरिन्दर, सुरिन्दर एवं रमन थे।

‘सखाराम बाइन्डर’’ की  प्रस्तुति के साथ देवीलाल सामर नाट्य समारोह का समापन

सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर ने अतिथियों, सभी दर्शकों, सभी कार्यकर्ताओं एवं नाट्य समारोह एवं लोकानुरंजन मेले में सहयोग देनेवाली सभी सहयोगी संस्थाओ एवं कला, साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग-राजस्थान सरकार को भी धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कामना की कि आगामी वर्ष और अधिक उत्साह से फिर मिलेंगें एवं इसी के साथ भारतीय लोक कला मण्डल के 66वें स्थापना दिवस एवं 13वॉं संस्थापक पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह का समापन हुआ

‘सखाराम बाइन्डर’’ की  प्रस्तुति के साथ देवीलाल सामर नाट्य समारोह का समापन

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